नई दिल्ली, 10 अप्रैल . मुंबई 26/11 हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को भारत लाने पर नई दिल्ली बार एसोसिएशन की प्रतिक्रिया सामने आई. एसोसिएशन ने न्यायिक प्रक्रिया में अवरोध न होने देने का संकल्प लिया है.
नई दिल्ली बार एसोसिएशन ने गुरुवार को एक प्रेस रिलीज जारी कर कहा, “हमारा बार एसोसिएशन यह सुनिश्चित करेगा कि परिसर में कानून और व्यवस्था में कोई व्यवधान न हो या न्यायिक कार्यवाही में कोई व्यवधान न हो. चूंकि हम मामले की गंभीरता और गंभीरता के प्रति सतर्क हैं.”
एसोसिएशन ने आगे कहा कि यह मुद्दा सीधे हमारे देश की अखंडता से जुड़ा हुआ है, इसलिए नई दिल्ली बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के रूप में हमारी कार्यकारी समिति हमारे देश के कानून का पालन करते हुए निष्पक्ष और पारदर्शी कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.
बता दें कि 26/11 हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को लंबी कानूनी और कूटनीतिक कोशिशों के बाद भारत लाया जा सका है. अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने भारत में प्रत्यर्पण पर रोक लगाने के उसके आवेदन को खारिज कर दिया था, जिसके बाद उसे लाने का रास्ता साफ हो गया. तहव्वुर मुंबई आतंकी हमले के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी का करीबी सहयोगी है.
राणा पर कई धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं, जिनमें आपराधिक साजिश, भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना, हत्या, जालसाजी और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम शामिल हैं. हालांकि, मुंबई पुलिस को अभी तक उसके शहर में स्थानांतरण के बारे में कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है.
उल्लेखनीय है कि साल 2008 में 26 नवंबर की रात को 10 आतंकवादियों ने मुंबई में कई स्थानों पर एक साथ हमला किया था. 26/11 हमले में 164 लोग मारे गए और 300 से ज्यादा घायल हुए. आतंकवादियों ने भारतीयों और अन्य देशों के नागरिकों की हत्या की. मृतकों में इजरायल के चार नागरिक भी शामिल थे.
नौ आतंकवादियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया जबकि एक अजमल कसाब जिंदा पकड़ा गया, जिसे बाद में फांसी की सजा हुई.
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पीएसके/जीकेटी