नई दिल्ली, 26 अगस्त . पेटीएम की मूल कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस ने सोमवार को कहा कि उसे भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की ओर से कोई नया नोटिस नहीं मिला है. कंपनी ने अपने पिछले वार्षिक वित्तीय परिणामों में पहले ही इसका खुलासा कर दिया है.
पेटीएम ने को दिए गए एक बयान में कहा कि उसने इस मसले पर आरंभिक प्रतिक्रिया दे दी है, और सेबी के साथ नियमित रूप से संवाद कर इसके संबंध में आवश्यक रेप्रेज़ेंटेशन दे रहा है.
कंपनी ने आगे बताया कि उसने 31 मार्च 2024 को समाप्त तिमाही और वित्त वर्ष के साथ-साथ 30 जून 2024 को समाप्त तिमाही के लिए अपने वित्तीय परिणामों में सेबी के नोटिस से संबंधित प्रासंगिक खुलासे किए हैं.
कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, “कंपनी को मार्च 2024 को समाप्त तिमाही के दौरान नोटिस मिला, और उसने पहले ही आरंभिक प्रतिक्रिया के माध्यम से मामले को संबोधित कर लिया है.”
पेटीएम ने कहा कि वह वर्तमान में इस मामले में सेबी से और जानकारी मांगने की प्रक्रिया में है.
कंपनी की ऑडिटर समीक्षा रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रबंधन द्वारा प्राप्त एक स्वतंत्र कानूनी राय के आधार पर, कंपनी का मानना है कि वह संबंधित नियमों का अनुपालन कर रही है.
पेटीएम ने बीएसई को बताया कि वह इस मामले पर बाजार नियामक के साथ नियमित रूप से संवाद कर रही है.
बीएसई को दिये गये स्पष्टीकरण में कहा गया है, “कंपनी (पेटीएम) भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के साथ नियमित रूप से संवाद कर रही है और इस मामले में आवश्यक प्रतिनिधित्व कर रही है. तदनुसार, 30 जून 2024 और 31 मार्च 2024 को समाप्त पिछली तिमाहियों के वित्तीय परिणामों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.”
पहले कई रिपोर्टों में उल्लेख किया गया था कि सेबी ने नवंबर 2021 में कंपनी की आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के दौरान तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत करने के आरोप में पेटीएम के संस्थापक और सीईओ विजय शेखर शर्मा और वन 97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड के पूर्व बोर्ड सदस्यों को नये सिरे से कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं.
इन खबरों के बाद पेटीएम के शेयरों में सोमवार को कारोबार के दौरान एक समय नौ प्रतिशत तक की गिरावट आई और यह 4.48 प्रतिशत की गिरावट के साथ 530 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ. बारह महीने के विश्लेषक मूल्य लक्ष्यों का औसत 16 प्रतिशत की संभावित गिरावट का संकेत देता है.
शर्मा वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड के संस्थापक और सीईओ हैं, लेकिन स्टॉक एक्सचेंज के खुलासे के अनुसार, उन्हें प्रमोटर के रूप में वर्गीकृत नहीं किया गया है.
नॉन रिटायरिंग निदेशक के रूप में शर्मा कंपनी के बोर्ड की अध्यक्षता करते हैं और यदि उनके पास कम से कम 2.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है, तो उन्हें बोर्ड की सदस्यता का अधिकार है. यदि उन्हें प्रमोटर के रूप में वर्गीकृत किया जाता, तो उन्हें ईएसओपी भी नहीं मिलता.
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