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देहरादून, 22 नवंबर Chief Minister पुष्कर सिंह धामी ने Chief Minister आवास में वरिष्ठ पत्रकार एवं प्रतिष्ठित लेखक जय सिंह रावत द्वारा लिखित पुस्तक “उत्तराखंड राज्य का नवीन Political इतिहास” का विमोचन किया. यह पुस्तक उत्तराखंड राज्य के Political, प्रशासनिक एवं क्रमिक विकास की संपूर्ण और प्रामाणिक दस्तावेज़ी यात्रा को प्रस्तुत करती है.
कार्यक्रम के शुभारंभ में Chief Minister ने उपस्थित महानुभावों, लेखकों, पत्रकारों तथा जनप्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए लेखक जय सिंह रावत को इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए हार्दिक बधाई दी. Chief Minister ने कहा कि वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत जी ने राज्य के गठन के बाद की 25 वर्षों की Political यात्रा को जिस सुसंगतता और प्रमाणिकता के साथ संकलित किया है, वह अत्यंत सराहनीय है.
Chief Minister ने कहा कि उत्तराखंड के इतिहास, संस्कृति और लोक परंपराओं पर कई पुस्तकें उपलब्ध हैं, लेकिन राज्य स्थापना के बाद की ढाई दशक की घटनाओं को तथ्यों, दस्तावेजों और विश्लेषण के आधार पर संग्रहित करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, जिसे लेखक ने उत्कृष्टता के साथ प्रस्तुत किया है. उन्होंने बताया कि पांच भागों में विभाजित यह पुस्तक शोधार्थियों, विद्यार्थियों और प्रशासनिक सेवाओं की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए विशेष रूप से उपयोगी सिद्ध होगी.
Chief Minister धामी ने कहा कि राज्य बनने के बाद उत्तराखंड ने एक लंबा Political अस्थिरता का दौर भी देखा, जिसका प्रभाव विकास की गति पर पड़ा. रावत जी ने इस संपूर्ण कालखंड का प्रामाणिक प्रस्तुतिकरण करते हुए दुर्लभ दस्तावेजों और प्रेस कतरनों की मदद से एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक संकलन तैयार किया है.
Chief Minister ने कहा कि “इतिहास लिखना एक गंभीर दायित्व है, जिसमें तथ्य, दृष्टि और ईमानदारी का होना आवश्यक है. श्री रावत जी ने पत्रकारिता की निष्ठा और निर्भीकता के साथ इस कालखंड को सहेजने का कार्य किया है.”
पुस्तक अध्ययन पर बल देते हुए Chief Minister ने कहा कि आज के इंटरनेट युग में जानकारी तत्काल उपलब्ध हो जाती है, लेकिन किताबों का महत्व कभी कम नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि पुस्तकें हमारे विचारों को गहराई देती हैं और ज्ञान को स्थायी रूप से संजोती हैं.
Chief Minister ने सभी से अपील की कि “किसी भी कार्यक्रम में ‘बुके नहीं, बुक दीजिए.’ इससे जहां पुस्तकों के प्रति रुचि बढ़ेगी, वहीं लेखकों को भी प्रेरणा मिलेगी.”
Chief Minister पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के इस तेज़ी से बदलते दौर में तकनीक का उपयोग आवश्यक है, लेकिन इसके साथ ही अपनी गढ़वाली, कुमाऊंनी, जौनसारी सहित सभी क्षेत्रीय भाषाओं और बोलियों को सुरक्षित रखना हम सभी का सामूहिक दायित्व है.
Chief Minister ने कहा कि विद्यार्थियों को अपनी मातृभाषा में भाषा कंटेंट, साहित्य और लोक परंपरा से जुड़े कार्यों को बढ़ावा देना चाहिए. Government भी इस दिशा में गंभीरता से प्रयास कर रही है तथा नई पीढ़ी के कंटेंट क्रिएटर के लिए इस दिशा में प्रतियोगिताएं आयोजित कर रही है. उन्होंने कहा कि राज्य स्तर पर स्थानीय भाषाओं में लेखन, गीत-संग्रह, शोध और डिजिटल कंटेंट तैयार करने वाले विद्यार्थियों को प्रोत्साहन और सम्मान दिए जाने की दिशा में Government सतत प्रयासरत है.
उन्होंने कहा कि “भाषा, संस्कृति और रीति-रिवाज केवल अभिव्यक्ति के माध्यम नहीं, बल्कि हमारी पहचान और विरासत की नींव हैं. इसलिए आवश्यक है कि हम अपनी बोली-भाषाओं का संरक्षण करें और आने वाली पीढ़ियों में इनके प्रति गर्व की भावना विकसित करें.”
Chief Minister ने कहा कि आज की नई पीढ़ी को यह बताना बहुत ज़रूरी है कि हमारे पूर्वजों ने कितनी कठिनाइयों और संघर्षों के बीच अपनी परंपराओं, सामाजिक मूल्यों और भाषा को बचाए रखा. उन्होंने कहा कि जब बच्चे अपनी जड़ों को समझते हैं, तो उनमें आत्मविश्वास और सांस्कृतिक चेतना मजबूत होती है.
पुस्तक पढ़ने की आदत पर बल देते हुए Chief Minister ने स्पष्ट कहा, “एआई कितनी भी उन्नत क्यों न हो जाए, पुस्तकों को रिप्लेस करने का कोई अवसर नहीं है. पुस्तकें केवल ज्ञान का स्रोत नहीं, बल्कि सोचने, समझने और सीखने की एक गहरी प्रक्रिया हैं.”
Chief Minister ने विद्यार्थियों से अपील की कि वे अपने घरों, विद्यालयों और समुदायों में स्थानीय भाषाओं के उपयोग को बढ़ावा दें तथा साहित्य और लोक संस्कृति को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का प्रयास करें. उन्होंने कहा कि राज्य Government भाषा संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए अनेक नई पहलें प्रारंभ कर रही है और आगे भी इस दिशा में प्रभावी कदम उठाए जाएंगे.
Chief Minister ने कहा कि राज्य Government स्थानीय बोली-भाषाओं, साहित्य और पारंपरिक बोलियों के डिजिटलाइजेशन पर विशेष ध्यान दे रही है, ताकि गढ़वाली, कुमाऊंनी, जौनसारी सहित सभी क्षेत्रीय भाषाओं का सांस्कृतिक खजाना सुरक्षित रहे और नई पीढ़ी आसानी से इन तक पहुँच सके. उन्होंने कहा कि डिजिटल माध्यमों पर सामग्री उपलब्ध होने से हमारी मातृभाषाएं न केवल संरक्षित होंगी, बल्कि आधुनिक समय के अनुरूप और अधिक सशक्त रूप में आगे बढ़ेंगी.
कार्यक्रम में पूर्व Chief Minister एवं Maharashtra के पूर्व Governor भगत सिंह कोश्यारी, पूर्व Chief Minister हरीश रावत, विधायक बृज भूषण गैरोला, पत्रकार, साहित्यकार एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे.
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एएस/