यूपी में 1 से 30 सितंबर तक चलेगा ‘नो हेलमेट, नो फ्यूल’ विशेष अभियान

Lucknow, 27 अगस्त . उत्तर प्रदेश में एक से 30 सितंबर तक ‘नो हेलमेट, नो फ्यूल’ विशेष सड़क सुरक्षा अभियान संचालित किया जाएगा. यह अभियान जिलाधिकारी के नेतृत्व तथा जिला सड़क सुरक्षा समिति (डीआरसीएस) के समन्वय से चलाया जाएगा, ताकि जनपद स्तर पर सभी संबंधित विभाग एक साथ नागरिक सुरक्षा के इस प्रयास को आगे बढ़ाएं.

इस अवधि में पुलिस, राजस्व/जिला प्रशासन तथा परिवहन विभाग के अधिकारी प्रवर्तन की मुख्य जिम्मेदारी निभाएंगे. योगी सरकार ने आमजन से अपील की है कि वे इन प्रवर्तन एजेंसियों के साथ पूर्ण सहयोग करें. यह पहल पूर्णतः विधिसम्मत एवं जनहितैषी है. मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 129 दोपहिया चालक तथा पिलियन के लिए हेलमेट को अनिवार्य करती है, जबकि धारा 194डी उल्लंघन पर दंड का प्रावधान करती है. सर्वोच्च न्यायालय की सड़क सुरक्षा समिति द्वारा भी राज्यों को हेलमेट अनुपालन को प्राथमिकता देने का परामर्श दिया गया है.

यूपी सरकार ने कहा कि ‘नो हेलमेट, नो फ्यूल’ का उद्देश्य दंडित करना नहीं, बल्कि नागरिकों को कानून के अनुरूप सुरक्षित व्यवहार अपनाने के लिए प्रेरित करना है-ईंधन तभी, जब हेलमेट सिर पर हो.

परिवहन आयुक्त ने कहा कि अभियान पूरी तरह से सार्वजनिक हित में है. पूर्व के अनुभव बताते हैं कि दोपहिया वाहन चालक शीघ्र ही हेलमेट के साथ आने की आदत विकसित कर लेते हैं. इससे ईंधन बिक्री पर भी प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता. तेल विपणन कंपनियां आईओसीएल, बीपीसीएल और एचपीसीएल तथा सभी पेट्रोल पंप संचालकों से अनुरोध है कि वे इस प्रयास में सक्रिय सहयोग दें. खाद्य एवं रसद विभाग के माध्यम से पेट्रोल पंप स्तर पर आवश्यक समन्वय/निगरानी सुनिश्चित की जाएगी. सूचना एवं जनसम्पर्क तंत्र जन-जागरूकता के प्रसार में सहयोग करेगा. नागरिक, उद्योग और प्रशासन मिलकर ही सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु एवं गंभीर चोटों को कम करने के राष्ट्रीय लक्ष्य की ओर ठोस कदम बढ़ा सकते हैं.

यूपी के परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने कहा कि नो हेलमेट, नो फ्यूल’ दंड नहीं, बल्कि सुरक्षा का संकल्प है. यह अभियान 1 से 30 सितंबर तक जिलाधिकारी के नेतृत्व, डीआरएससी के समन्वय और पुलिस-प्रशासन-परिवहन अधिकारियों के प्रवर्तन के साथ चलेगा. सभी नागरिकों, पेट्रोल पंप संचालकों और तेल कंपनियों से अपील है कि वे इसमें पूर्ण सहयोग दें. ‘हेलमेट पहले, ईंधन बाद में’ को नियम बनाएं, क्योंकि हेलमेट पहनना जीवन का सबसे सरल बीमा है.

विकेटी/एसके