नई दिल्ली, 9 सितंबर . वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की सोमवार को हुई बैठक में जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर कर की दरों में कटौती पर फैसला नहीं हो सका. इस पर विचार के लिए मंत्रियों के एक समूह का गठन किया जाएगा. वहीं, कैंसर की दवाओं और नमकीन पर करों में कटौती की गई है.
जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर मंत्री समूह की अध्यक्षता बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी करेंगे, जो वर्तमान में जीएसटी दर को युक्तिसंगत बनाने वाले पैनल का नेतृत्व कर रहे हैं.
जीएसटी परिषद की 54वीं बैठक में स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर लागू जीएसटी पर निर्णय के साथ व्यक्तियों और वरिष्ठ नागरिकों को राहत देने के लिए “व्यापक सहमति” बनी. स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर वर्तमान जीएसटी दर 18 प्रतिशत है.
इस बीच, जीएसटी परिषद ने कैंसर की दवाओं पर जीएसटी दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत और नमकीन पर 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत करने की घोषणा की.
सदस्यों ने क्षतिपूर्ति उपकर पर एक मंत्री समूह बनाने पर भी सहमति व्यक्त की.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “जीएसटी परिषद ने एक मंत्री समूह बनाने पर सहमति व्यक्त की है जो अब अध्ययन करेगा और यह तय करेगा कि मार्च 2026 के बाद समाप्त होने वाले उपकर की क्षतिपूर्ति पर कैसे आगे बढ़ना है.”
मार्च 2026 तक कुल उपकर संग्रह 8.66 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है. ऋण भुगतान निपटाने के बाद, लगभग 40 हजार करोड़ रुपये का अनुमानित अधिशेष अपेक्षित है.
राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने कहा कि ऋण अदायगी के बाद जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर बंद किया जा सकता है.
बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मल्होत्रा ने कहा कि विदेशी विमान सेवा कंपनियों द्वारा सेवाओं के आयात पर जीएसटी से छूट दी जाएगी.
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि केंद्र या राज्य सरकार के कानूनों द्वारा स्थापित विश्वविद्यालय और अनुसंधान केंद्र, या जिन्हें आयकर से छूट दी गई है, उन्हें अब अनुसंधान निधि पर जीएसटी का भुगतान करने से छूट दी जाएगी.
जीएसटी पैनल ने बिजनेस-टू-कस्टमर (बी2सी) जीएसटी चालान शुरू करने का भी फैसला किया. जीएसटी चालान प्रबंधन के लिए यह नई प्रणाली 1 अक्टूबर से प्रभावी होगी.
कार सीटों पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से बढ़ाकर 28 प्रतिशत करने की भी घोषणा की गई.
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एकेजे/