पटना, 15 अगस्त . केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और भाजपा के नेता नित्यानंद राय ने बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के नाम लिखे एक खुले पत्र में कहा कि इंडी गठबंधन लोगों को गुमराह करने के बजाय हकीकत का जवाब दें. पत्र के जरिए उन्होंने राजद शासनकाल को भी याद कराते हुए कई प्रश्न पूछे.
केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने पत्र में लिखा है कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बिहार के लोगों को गुमराह करने की आप कोशिश न करें. बिहार की जनता आपकी हकीकत को भली-भांति जानती भी है और समझती भी है.
उन्होंने राजद नेता तेजस्वी यादव को लिखे पत्र में कहा, “आप जिस लोकतंत्र की बात करते हैं, उसका गवाह बिहार के 13 करोड़ लोग हैं जब लालू यादव लोकतंत्र और चुनाव के नाम पर मत पेटियों को लूटवाने का काम करते थे. उस दौर में गुंडाराज के जरिए लोकतंत्र को बंधक बना लिया गया था. बूथ कब्जा करने की जिस संस्कृति को आप लोगों ने शिष्टाचार बनाकर 15 साल तक सत्ता हासिल की, उस लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर भी जरा रोशनी डालने की कोशिश कीजिए. बिहार के लोग आज भी उस दौर को याद कर कांप जाते हैं. किस तरह से लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं का चीरहरण होता था.”
उन्होंने आगे कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की ‘वोट अधिकार यात्रा’ की चर्चा करते हुए आगे कहा कि लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है, लेकिन राहुल गांधी से पूरा देश जानना चाहता है कि कृपया करके यह बताएं कि 1951-52, यानी देश में जो पहला चुनाव हुआ था, उस समय से लेकर कांग्रेस के शासनकाल में जो भी चुनाव हुए हैं, उनमें किस तरह से धांधली हुई है, किस तरह से वोट चोरी हुई है, उसके बारे में भी वोट अधिकार यात्रा के दौरान जरूर बताएं.
केंद्रीय मंत्री ने पत्र के अंत में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव से सवाल पूछा है कि क्या विदेशी घुसपैठियों, रोहिंग्या बांग्लादेशियों को देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शामिल होने का अधिकार है? अगर शामिल होने का अधिकार है, तो इसका जवाब दें कि क्यों और किसलिए?
उन्होंने कहा कि एसआईआर के माध्यम से विदेशी घुसपैठियों के वोट को काटा जा रहा है, तो इसका विरोध क्यों? बिहार के 13 करोड़ लोग और देश के 140 करोड़ नागरिक इसका जवाब चाहते हैं.
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एमएनपी/एसके/एएस