पटना, 30 अप्रैल . बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगामी जनगणना के साथ जातीय जनगणना कराए जाने के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना से देश के विकास को गति मिलेगी.
मुख्यमंत्री ने सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स पर लिखा, “जाति जनगणना कराने का केंद्र सरकार का फैसला स्वागतयोग्य है. जाति जनगणना कराने की हम लोगों की मांग पुरानी है. यह बेहद खुशी की बात है कि केंद्र सरकार ने जाति जनगणना कराने का निर्णय किया है. जाति जनगणना कराने से विभिन्न वर्गों के लोगों की संख्या का पता चलेगा, जिससे उनके उत्थान एवं विकास के लिए योजनाएं बनाने में सहूलियत होगी. इससे देश के विकास को गति मिलेगी.”
मुख्यमंत्री ने जाति जनगणना कराने के फैसले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिनंदन करते हुए धन्यवाद भी दिया. इधर, बिहार भाजपा के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने भी जातीय जनगणना के फैसले का स्वागत किया. उन्होंने आगामी जनगणना के साथ जातीय गणना कराने के ऐतिहासिक फैसले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताते हुए अभिनंदन किया है. उन्होंने कहा कि अब देश सटीक आंकड़ों के जरिए वंचित, शोषित, पीड़ित तबकों की संख्या के अनुसार विकास के लिए योजनाएं बना सकेगा और उन्हें धरातल तक उतार सकेगा.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष जायसवाल ने आगे कहा कि कांग्रेस और राजद ने अब तक जातीय जनगणना के नाम पर लोगों को बरगलाने का ही काम किया है. बिहार में भी जातीय जनगणना कराने के फैसले में भाजपा भागीदार थी और अब आजाद भारत में पहली बार देश में जनगणना के साथ जातीय गणना कराने का ऐतिहासिक फैसला भी एनडीए की सरकार ने लिया है. उन्होंने जोर देकर कहा कि यह इतिहास के पन्नों में दर्ज है कि भारत में आजादी से पहले हुई जनगणना में जातिवार आंकड़े भी दर्ज किए गए थे. लेकिन, वर्ष 1951 में कांग्रेस की सरकार ने इसे बंद करवा दिया था.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा आगामी जनगणना के साथ-साथ जातीय जनगणना कराने का निर्णय स्वागत योग्य है. आजादी के बाद यह पहली बार है, जब सरकार ने आंकड़ों के माध्यम से समाज की वास्तविक संरचना को जानने और उसी आधार पर योजनाएं बनाने का निर्णय लिया है. यह देश के सामाजिक-आर्थिक ढांचे को और अधिक संतुलित व मजबूत बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है.”
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एमएनपी/