मुंबई, 20 सितंबर . भाजपा विधायक नितेश राणे के विवादित बयानों के बाद सियासत गर्मा गई है. नितेश राणे ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के संगोली में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था, “सिर्फ 24 घंटे के लिए पुलिसकर्मियों को छुट्टी दे दी जाए, इसके बाद हम (हिंदू) अपनी ताकत दिखा देंगे. हम उन्हें यह एहसास दिला देंगे कि हममें कितना दम है.”
नितेश राणे के बयान पर पलटवार करते हुए शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि, जो भाषा एआईएमआईएम नेता अकबरुद्दीन ओवैसी बोल रहे हैं कि कुछ घंटों के लिए पुलिस को हटा दो, फिर हम दिखाते हैं, वही भाषा भारतीय जनता पार्टी के विधायक नितेश राणे बोल रहे हैं कि 24 घंटे के लिए पुलिस को हटा दो, फिर हम दिखाते हैं. इसका मतलब यह है कि दोनों ही पार्टियों के नेता एक-दूसरे की ए और बी टीम हैं. इन लोगों ने तय कर लिया है कि आइए दंगा-फसाद करवाते हैं, नफरत और हिंसा करवाते हैं, यह लोग चुनाव जीतने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं. महाराष्ट्र की जनता सब देख रही है.
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की जनता को विकास चाहिए, महाराष्ट्र की जनता को मोहब्बत चाहिए. लेकिन, महायुति की सरकार इन सब बातों से बेखबर कुंभकर्ण की नींद सो रही है. गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस कोई कार्रवाई करने को तैयार नहीं हैं. इसी गंदी राजनीति की वजह से भाजपा पाताल में जा रही है.
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में नेता प्रतिपक्ष की जगह भी इनको नहीं मिलने वाली है. क्योंकि हमारा महाराष्ट्र, सुजलाम सुफलाम का महाराष्ट्र है, छत्रपति शिवाजी महाराज का महाराष्ट्र है, यहां पर द्वेष करके नफरत करके कुछ दिन जिंदगी जी सकते हैं, लेकिन राजनीति आप नहीं कर सकते. शर्म आनी चाहिए ऐसे नेताओं को, जो ऐसे बयानबाजी करने में अपना समय बिताते हैं. ऐसे लोगों के लिए महाराष्ट्र का विकास प्राथमिकता नहीं है. जनता ऐसे लोगों को विधानसभा चुनावों में सबक सिखाने वाली है.
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एकेएस/एबीएम