नई दिल्ली, 23 मई . लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए तीन सवाल पूछे. इसका जवाब भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने दिया. अब इस जवाब को ही आधार बनाकर कांग्रेस प्रवक्ता आलोक शर्मा ने दुबे की समझ पर सवाल उठा दिए हैं. उन्हें युद्ध, छिटपुट झड़प और घटनाओं के अंतर को समझने की नसीहत दी है.
दरअसल, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट के जरिए लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा. पोस्ट में उन्होंने लिखा, “यह आपकी बनाई हुई सरकार के समय का समझौता है. 1991 में आपकी पार्टी समर्थित सरकार ने यह समझौता किया कि किसी भी आक्रमण या सेना के मूवमेंट की जानकारी का आदान-प्रदान भारत और पाकिस्तान एक-दूसरे से करेगा. क्या यह समझौता देशद्रोह है? कांग्रेस का हाथ पाकिस्तानी वोट बैंक के साथ, विदेश मंत्री एस जयशंकर पर आपत्तिजनक टिप्पणी आपको शोभा देती है.”
दुबे ने राहुल गांधी के प्रधानमंत्री को संबोधित कर पूछे सवाल का जवाब दिया. साथ ही विदेश मंत्री एस जयशंकर को टारगेट किए जाने की भी निंदा की. भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के पोस्ट पर कांग्रेस प्रवक्ता आलोक शर्मा ने कहा कि वह हमेशा कांग्रेस पार्टी को दोषी ठहराते हैं. अगर उन्हें 1991 से किसी बात से परेशानी थी, तो वे उसे पलट सकते थे. लेकिन शायद वह युद्ध, झड़प और छिटपुट घटनाओं के बीच का अंतर नहीं समझते. किसी भी समझौते में यह नहीं लिखा है कि किसी बड़े आतंकवादी हमले की स्थिति में हमें जवाबी कार्रवाई करने से पहले सूचित करना चाहिए. दुबे सांसद बन गए हैं और उन्हें भाजपा एक ट्रोल के तौर पर इस्तेमाल करती है.
जासूसी के आरोप में लोगों की गिरफ्तारी पर उन्होंने कहा कि अच्छी बात है कि जांच एजेंसी काम कर रही हैं, जो भी दोषी हैं उन्हें सजा मिलनी चाहिए.
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के पोस्ट पर कांग्रेस प्रवक्ता अतुल लोंढे पाटिल ने कहा कि ये ‘मूर्खता की पराकाष्ठा’ हैं. जो लोग देशद्रोह का मतलब नहीं समझते, वे भाजपा कार्यकर्ता हैं. सीमा पर जिस तरह की झड़पें होती हैं, उसे लेकर सहमति बनी थी कि ऐसी मुठभेड़ें नहीं होनी चाहिए और सभी सरकारों ने इसे बरकरार रखा है. इन घटनाओं को राष्ट्र पर हमला कहना और सीमा पर झड़पों पर टिप्पणी करना ऐसी बात है जिसे निशिकांत दुबे सांसद होने के बावजूद नहीं समझ पा रहे हैं.
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डीकेएम/केआर