मुंबई, 2 फरवरी . महाराष्ट्र में गिलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. जीबीएस से लोगों के बीच में डर और चिंता का माहौल है. इसी बीच, स्वास्थ्य विभाग ने रविवार को जीबीएस के संदिग्ध मामलों को लेकर एक ताजा रिपोर्ट जारी की.
स्वास्थ्य विभाग के इस रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में अब तक जीबीएस के 158 संदिग्ध मरीज पाए गए हैं, इनमें से 127 मरीजों को जीबीएस के पुष्टि किए गए मामले के रूप में वर्गीकृत किया गया है. इसके अलावा, 5 संदिग्ध मौतें भी दर्ज की गई हैं.
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, जीबीएस के 9 नए संदिग्ध मामले सामने आए हैं. जीबीएस से प्रभावित मरीजों में से 38 को अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है, जबकि 48 मरीज आईसीयू में हैं और 21 मरीज वेंटिलेटर पर हैं.
विभाग के अनुसार, पुणे महानगर निगम क्षेत्र से 83 संदिग्ध मरीज हैं. पुणे नगर निगम क्षेत्र से 31 संदिग्ध मरीज, पिंपरी-चिंचवड़ नगर निगम से 18 संदिग्ध मरीज और पुणे ग्रामीण क्षेत्रों से 18 संदिग्ध मरीज हैं. इसके अलावा अन्य जिलों से 8 संदिग्ध मरीज हैं.
प्रदेश के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 29 जनवरी को प्रशासन से मरीजों के इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में विशेष व्यवस्था करने को कहा था. कैबिनेट बैठक में जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा दिए गए प्रेजेंटेशन के दौरान उन्होंने जीबीएस के बारे में मौजूदा जमीनी स्तर की स्थिति की समीक्षा की थी.
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा था कि जीबीएस के मरीजों का इलाज किया जा रहा है, लेकिन उन्होंने निर्देश दिया है कि मरीजों को उचित इलाज मिले, इसके लिए सरकारी अस्पतालों में विशेष व्यवस्था की जाए. इस बीमारी का इलाज राज्य स्वास्थ्य बीमा योजना महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना में शामिल है. अगर कोई और प्रक्रिया की जरूरत है, तो वह जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा की जानी चाहिए.
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