कोडरमा, 9 अप्रैल . झारखंड के कोडरमा जिला अंतर्गत मरकच्चो में बुधवार को सेंट मौर्या स्कूल परिसर में वज्रपात से नौ बच्चियां बेहोश हो गईं. उन्हें तत्काल मरकच्चो प्रखंड मुख्यालय स्थित सामुदायिक अस्पताल ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उनकी स्थिति ठीक है.
जानकारी के मुताबिक, दोपहर के समय हल्की बारिश शुरू होते ही तेज आवाज के साथ स्कूल परिसर में वज्रपात हुआ. इसके असर से परिसर में खेल रही कई छात्राएं अचेत होकर गिर पड़ीं. इससे स्कूल में खलबली मच गई. बाकी छात्राएं भी चीखने-चिल्लाने लगीं.
आस-पास के लोग मौके पर पहुंच गए. स्कूल के शिक्षकों ने बेहोश छात्राओं को स्कूल वैन से अस्पताल पहुंचाया. डॉक्टर के मुताबिक, सभी नौ लड़कियां खतरे से बाहर हैं.
जिला प्रशासन ने घटना को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं. अधिकारियों ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया है कि स्कूल में वज्रपात से बचाव के लिए की गई व्यवस्था की समीक्षा की जाएगी.
घटना के बाद स्कूल को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है. यह स्कूल पपलो पंचायत के ललकीपानी गांव में स्थित है.
नियमों के अनुसार, वज्रपात से बचाव के लिए स्कूल में तड़ित चालक लगाया जाना आवश्यक है. प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि स्कूल का इंफ्रास्ट्रक्चर भी नियमों के मुताबिक नहीं है.
भारतीय मौसम विभाग ने थंडरिंग और लाइटनिंग के खतरों को लेकर देश के जिन छह राज्यों को सबसे संवेदनशील के तौर पर चिह्नित किया है, उनमें झारखंड भी शामिल है. राज्य सरकार ने वर्ष 2008 में रांची के नामकुम थाना क्षेत्र स्थित रामपुर स्कूल में वज्रपात से कुछ बच्चों की मौत के बाद सभी सरकारी विद्यालयों में तड़ित चालक लगाने का निर्देश दिया था, लेकिन इस पर अमल नहीं हो पाया है. निजी स्कूलों के लिए भी इस संबंध में नियम निर्धारित हैं, लेकिन प्रशासन शायद ही कभी इसकी सुध लेता है.
वज्रपात को राज्य सरकार ने विशिष्ट आपदा घोषित कर रखा है. राज्य सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग ने 2019 में एसएमएस के जरिए लोगों को सचेत करने की व्यवस्था की थी, लेकिन यह सिस्टम बहुत कारगर नहीं है. नेटवर्क का सही लोकेशन नहीं होने और लोगों के द्वारा अपने स्मार्टफोन में लोकेशन एक्टिवेट नहीं करने के कारण एसएमएस अलर्ट प्रभावी तौर पर प्रसारित नहीं हो पाता.
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एसएनसी/एकेजे