मुंबई, 8 फरवरी . भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति के फैसले और आईटीसी द्वारा आलोचना के बाद बैंक शेयरों में गिरावट के कारण गुरुवार को सुबह के कारोबार में निफ्टी में गिरावट आई. यह बात एचडीएफसी सिक्योरिटीज के खुदरा अनुसंधान प्रमुख दीपक जसानी ने कही.
गुरुवार को निफ्टी 0.97 फीसदी या 212.6 अंक नीचे 21,717.95 पर था, जबकि सेंसेक्स 723.57 अंक या 1 फीसदी गिरकर 71,428.43 पर बंद हुआ.
एनएसई पर नकद बाजार की मात्रा बढ़कर 1.47 लाख करोड़ रुपये हो गई. अग्रिम-गिरावट अनुपात 0.60:1 तक गिर जाने के बावजूद मिडकैप सूचकांक मामूली रूप से सकारात्मकता के साथ बंद हुआ.
जसानी ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को लगातार छठी बार मुख्य नीति दर को अपरिवर्तित रखने का फैसला किया, क्योंकि यह मुद्रास्फीति पर कड़ी निगरानी रखता है.
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि हालांकि वित्त वर्ष 2025 की जीडीपी वृद्धि का अनुमान बेहतर हुआ है, लेकिन आरबीआई मुद्रास्फीति और बैंकिंग तरलता पर सतर्क है. संचयी 250 बीपीएस का अधूरा प्रसारण और मुद्रास्फीति लक्ष्य स्तर से ऊपर रहने से ब्याज दर में कटौती के समय के बारे में अनिश्चितता बढ़ जाती है.
इसका असर सरकार की 10-वर्षीय उपज में देखा गया, जो कि अधिक हो गई. एफएमसीजी, बैंक और ऑटो जैसे बाजार का एक बड़ा हिस्सा लाल निशान में फिसल गया. उन्होंने कहा कि तीसरी तिमाही के कमजोर नतीजों और कमजोर ग्रामीण मांग के कारण अल्पावधि में वॉल्यूम ग्रोथ में गिरावट का एफएमसीजी पर अधिक असर पड़ा.
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