मुंबई, 3 जून . आरबीआई एमपीसी की बैठक से पहले निफ्टी बैंक ने मंगलवार को नया ऑल-टाइम हाई 56,161.40 बनाया. यह पहली बार था, जब मुख्य बैंकिंग इंडेक्स 56,000 के स्तर को पार कर कारोबार कर रहा था.
यह उछाल चुनिंदा बैंकों में मजबूत खरीदारी के कारण आया. इसकी वजह निवेशकों का इस सप्ताह के अंत में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा संभावित ब्याज दरों में कटौती से पहले आशावादी रुख दिखाना है.
हालांकि, शुरुआती बढ़त ज्यादा देर तक नहीं टिकी. सुबह के कारोबार के बाद इंडेक्स में गिरावट आई. दोपहर के कारोबार में निफ्टी बैंक 0.43 प्रतिशत की गिरावट के साथ 55,662 पर था.
आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक जैसे प्रमुख निजी बैंकों ने इंडेक्स को नीचे खींचने का काम किया. इन बैंकों के शेयरों में करीब एक प्रतिशत तक की गिरावट देखने को मिली.
इसके विपरीत एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक, फेडरल बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, एचडीएफसी बैंक और इंडसइंड बैंक जैसे बैंकों के शेयरों में 0.4 प्रतिशत से 1.2 प्रतिशत के बीच बढ़त देखी गई.
गिरावट के बावजूद निफ्टी बैंक इंडेक्स अभी भी 2025 में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले इंडेक्सों में से एक है. साल की शुरुआत से अब तक इसमें 10 प्रतिशत की बढ़त देखी गई है और अपने 52-सप्ताह के निचले स्तर से 15 प्रतिशत ऊपर है. पिछले 12 महीनों में इसने 9.7 प्रतिशत का रिटर्न दिया है.
आरबीआई मौद्रिक नीति कमेटी (एमपीसी) की बैठक 4 जून को शुरू होगी और 6 जून को केंद्रीय बैंक के गवर्नर इस बैठक के फैसलों का ऐलान करेंगे.
कई विश्लेषकों को उम्मीद है कि केंद्रीय बैंक प्रमुख उधार दर या रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती करेगा.
गवर्नर संजय मल्होत्रा के नेतृत्व में केंद्रीय बैंक की ओर से इस साल पहले ही दो बार ब्याज दरों में कटौती की जा चुकी है, जिसमें रेपो दर को 6.5 प्रतिशत से घटाकर 6 प्रतिशत कर दिया गया है.
विशेषज्ञों का मानना है कि विकास को सपोर्ट करने के लिए आगे और ढील देने के लिए परिस्थितियां सही हैं.
–
एबीएस/