एनआईए की विशेष अदालत ने विशाखापत्तनम जासूसी मामले में 2 अन्य आरोपियों को सजा सुनाई

New Delhi, 25 नवंबर . राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक विशेष अदालत ने Pakistan से जुड़े विशाखापत्तनम नौसेना जासूसी मामले में दो और आरोपियों को जुर्माने सहित साधारण कारावास की सजा सुनाई है.

आरोपियों की पहचान Rajasthan के झुंझुनू जिले के अशोक कुमार और अलवर जिले के विकास कुमार के रूप में हुई है, जिन्हें यूए(पी) अधिनियम की धारा 18 और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम की धारा 3 के तहत 5 साल और 11 महीने की साधारण कारावास की सजा काटनी होगी.

विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश) स्थित एनआईए की विशेष अदालत द्वारा लगाए गए 5,000 रुपए के जुर्माने का भुगतान न करने की स्थिति में उन्हें एक साल की अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भी भुगतनी होगी.

इसके साथ ही एनआईए ने अब तक इस मामले में गिरफ्तार 15 आरोपियों में से आठ को दोषी ठहराने में सफलता प्राप्त कर ली है. अशोक और विकास को दिसंबर 2019 में क्रमशः Mumbai (Maharashtra) और कारवार (कर्नाटक) से गिरफ्तार किया गया था. एनआईए ने जून 2020 में 14 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था और बाद में मार्च 2021 में एक और आरोपी के खिलाफ पूरक आरोपपत्र दाखिल किया था.

इस मामले में कुल 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें से अब तक आठ को दोषी ठहराया जा चुका है और सजा सुनाई जा चुकी है. मामले में अन्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा अभी भी जारी है.

एनआईए ने दिसंबर 2019 में काउंटर इंटेलिजेंस Police स्टेशन, खुफिया विभाग, विजयवाड़ा (आंध्र प्रदेश Police) से विदेशी जासूसों/एजेंटों द्वारा महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों और भारतीय नौसेना प्रतिष्ठानों पर जासूसी से संबंधित मामले को अपने हाथ में लिया था.

एनआईए जासूसी के पीछे की पूरी साजिश का पर्दाफाश करने के लिए अपनी जांच जारी रखे हुए है, जिसका उद्देश्य India की एकता, अखंडता, सुरक्षा और संप्रभुता को भंग करना था.

इससे पहले एनआईए के विशेष अदालत ने 7 नवंबर को दो आरोपियों को 5 साल 10 महीने की कैद की सजा सुनाई थी. जबकि, 17 अक्टूबर को आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम की विशेष अदालत ने Mumbai निवासी मोहम्मद हारून हाजी अब्दुल रहमान लकड़ावाला को यूए(पी) अधिनियम की धारा 17 और 18 के तहत साढ़े पांच साल के कारावास की सजा सुनाई थी.

Gujarat के गोधरा निवासी इमरान याकूब गितेली को भी इन्हीं अपराधों के लिए 6 साल के साधारण कारावास की सजा सुनाई गई.

एमएस/एबीएम