New Delhi, 26 सितंबर . नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने Jharkhand और पड़ोसी राज्यों में आतंकवादी संगठन को फिर से सक्रिय करने, मजबूत करने की साजिश और जबरन वसूली के एक मामले में एक और आरोपी पर आरोप तय किए हैं. यह मामला पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआई) से संबंधित है.
इस मामले में Jharkhand के रांची जिले का कृष्णा यादव उर्फ कृष्णा महतो उर्फ सुल्तान 7वां आरोपी है. रांची में Friday को एनआईए की विशेष अदालत में दायर तीसरी पूरक आरोप पत्र में उस पर आईपीसी और यूए(पी) एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं.
एनआईए ने अक्टूबर 2023 में इस मामले को खुद दर्ज किया था. जांच के दौरान पता चला कि कृष्णा ने पीएलएफआई के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर संगठन को मजबूत करने, फिर से सक्रिय करने की साजिश रची. यह संगठन India Government के खिलाफ युद्ध छेड़ने और Jharkhand, बिहार, छत्तीसगढ़ एवं Odisha में कोयला व्यापारियों, ट्रांसपोर्टरों, रेलवे ठेकेदारों, व्यापारियों आदि से जबरन वसूली, लेवी वसूलने के तरीके खोजने में लगा हुआ है.
पीएलएफआई के सदस्यों ने आम लोगों, खासकर व्यापारियों और ठेकेदारों में दहशत फैलाने के लिए हत्या, आगजनी और हिंसक हमले जैसी कई आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की भी साजिश रची थी.
इससे पहले साल 2024 में एनआईए ने आरोपी निवेश कुमार उर्फ निवेश पोद्दार, रमन कुमार सोनू उर्फ सोनू पंडित, कपिल पाठक, विनोद मुंडा, नीलांबर गोपे उर्फ डेलगा उर्फ डिकल और शिव कुमार साहू उर्फ चार्कू पर आईपीसी, आर्म्स एक्ट और यूए(पी) एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत तीन आरोप-पत्र दायर किए थे, जिनमें दो पूरक आरोप पत्र भी शामिल हैं.
आतंकवाद रोधी एजेंसी मामले की जांच जारी रखे हुए है, ताकि अन्य साजिशकर्ताओं की पहचान की जा सके.
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