New Delhi, 1 अगस्त . राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने हिज़्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) नामक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन के तीन गुर्गों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है.
इन लोगों पर संगठन की विचारधारा को बढ़ावा देने और विदेशी स्रोतों से पैसा जुटाकर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रचने का इल्ज़ाम है.
आरोपियों के नाम कबीर अहमद अलियार (उर्फ कबीर अहमद), अज़ीज़ अहमद (उर्फ जलील अज़ीज़ अहमद), और बावा बहरुदीन (उर्फ मन्नाई बावा) हैं. इन लोगों ने India विरोधी ताकतों से सैन्य मदद लेने और एचयूटी के संस्थापक तकी अल-दीन अल-नभानी के लिखे संविधान को लागू करने की योजना बनाई थी.
उनका मकसद India में इस्लामी खिलाफत की स्थापना करना था. जांच में पता चला है कि इन आरोपियों ने हज और उमराह यात्रियों के जरिए Pakistanी सेना से समर्थन हासिल करने की भी कोशिश की थी. एनआईए की पड़ताल से यह भी खुलासा हुआ कि ये लोग एचयूटी की गुप्त कक्षाओं में युवाओं को भर्ती कर रहे थे.
इन कक्षाओं में कमजोर युवाओं को संगठन की कट्टरपंथी विचारधारा से जोड़ा गया. ध्यान देने वाली बात है कि पिछले साल अक्टूबर में India Government ने एचयूटी और इसके सभी स्वरूपों पर पाबंदी लगा दी थी.
आरोपियों ने ईरान, तुर्की, मिस्र और Pakistan जैसे देशों की सैन्य ताकत को दिखाने के लिए एक प्रदर्शनी भी आयोजित की थी. इस प्रदर्शनी का मकसद लोगों को हिंसक जिहाद और युद्ध के जरिए India Government को हटाने के लिए उकसाना था. एनआईए का कहना है कि यह मामला अभी भी जांच के दायरे में है और आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी.
एजेंसी इस साजिश के अन्य पहलुओं और संलिप्त लोगों की पहचान करने की कोशिश कर रही है. यह कार्रवाई देश की सुरक्षा और शांति को बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. Government और सुरक्षा एजेंसियां ऐसी आतंकवादी गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं और सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है.
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एसएचके/जीकेटी