छत्तीसगढ़ टेरर फंडिंग केस में एनआईए ने माओवादी संगठन के 3 सदस्यों के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट

New Delhi, 25 अगस्त . राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने छत्तीसगढ़ में नक्सली फंडिंग से जुड़े एक मामले में तीन माओवादी सहयोगियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. ये तीनों आरोपी प्रतिबंधित संगठन मूलवासी बचाओ मंच (एमबीएम) से जुड़े हैं, जिसे अक्टूबर 2024 में छत्तीसगढ़ सरकार ने छत्तीसगढ़ विशेष जन सुरक्षा अधिनियम 2005 की धारा 3(1) के तहत प्रतिबंधित किया था.

कोर्ट में दाखिल की गई चार्जशीट में आरोपियों के नाम गजेंद्र माड़वी, लक्ष्मण कुंजम और रघु मिडियामी हैं. ये सभी पहले से ही इस मामले में गिरफ्तार किए जा चुके हैं. इन पर नक्सली संगठन सीपीआई (माओवादी) के लिए आर्थिक सहायता जुटाने, उसे इकट्ठा करने और वितरित करने का आरोप है.

यह मामला आरसी-02/2023/एनआईए/रायपुर के तहत दर्ज है और इसकी शुरुआत मार्च 2023 में बीजापुर पुलिस की कार्रवाई से हुई थी. उस समय गजेंद्र माड़वी और लक्ष्मण कुंजाम नामक दो ओवरग्राउंड वर्कर्स को बीजापुर जिले में 6 लाख रुपए नकद के साथ गिरफ्तार किया गया था. वे यह राशि विभिन्न बैंक खातों में जमा करने जा रहे थे, जैसा कि उन्हें सीपीआई (माओवादी) के नेताओं द्वारा निर्देशित किया गया था.

इसके बाद, इस मामले की जांच फरवरी 2024 में एनआईए ने अपने हाथ में ली. जांच में सामने आया कि तीसरा आरोपी रघु मिडियामी, जो मूलवासी बचाओ मंच के बस्तर डिविजन का अध्यक्ष था, इस पूरे फंडिंग नेटवर्क का प्रमुख संचालक था.

एनआईए की जांच के अनुसार, रघु मिडियामी न केवल फंड इकट्ठा करता था, बल्कि उसका भंडारण और वितरण भी करता था. इन पैसों का इस्तेमाल माओवादी संगठन द्वारा सुरक्षा कैंपों की स्थापना का विरोध करने और सरकारी विकास योजनाओं को बाधित करने जैसी गतिविधियों के लिए किया जाता था.

एनआईए ने बताया कि ये अवैध फंडिंग मूलवासी बचाओ मंच जैसे फ्रंटल संगठनों के जरिए माओवादी संगठन को भेजी जाती थी और रघु मिडियामी स्थानीय स्तर पर फंड वितरित करने में नोडल व्यक्ति की भूमिका निभा रहा था.

एनआईए ने स्पष्ट किया है कि इस मामले की जांच अभी जारी है और अन्य सहयोगियों और फंडिंग नेटवर्क से जुड़े लोगों की पहचान और कार्रवाई की प्रक्रिया की जा रही है.

यह मामला माओवादी संगठनों की वित्तीय जड़ों को उखाड़ फेंकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.

वीकेयू/डीकेपी