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New Delhi, 30 अक्टूबर . राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की Lucknow विशेष अदालत ने Thursday को एक आतंकी मामले में Lucknow के आरोपी को सजा सुनाई. कोर्ट ने Pakistan-अफगानिस्तान सीमा पर सक्रिय प्रतिबंधित अल-कायदा आतंकवादी संगठन की India विरोधी साजिश से जुड़े एक मामले में Lucknow निवासी आरोपी मोहम्मद मोईद को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई.
अदालत ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120बी (आपराधिक षड्यंत्र) तथा शस्त्र अधिनियम की धारा 25(1बी)(ए) के तहत उस पर 5,000 रुपए का जुर्माना लगाया. सजा की अवधि पहले ही जेल में बिताए गए समय यानी 1 वर्ष, 9 महीने और 13 दिन के बराबर रखी गई. आरोपी ने दोष स्वीकार करने के बाद यह सजा भुगती.
यह मामला 2021 में उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) द्वारा दो अल-कायदा सदस्यों की गिरफ्तारी से शुरू हुआ था. एटीएस को पाक-अफगान सीमा से सक्रिय अल-कायदा सदस्य उमर हलमंडी की खुफिया जानकारी मिली, जिसने Lucknow में कुछ युवाओं की पहचान की और उन्हें अल-कायदा मॉड्यूल स्थापित करने के लिए भर्ती किया था. हलमंडी ने Police को ‘अंसार गजवतुल हिंद’ (एजीएच) के बारे में भी बताया, जो अल-कायदा का सहयोगी संगठन है. एजीएच का उद्देश्य 15 अगस्त 2021 से पहले Lucknow सहित उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में कई आतंकी घटनाएं अंजाम देना था.
एनआईए ने एटीएस से मामला अपने हाथ में ले लिया और जांच में पाया कि मोहम्मद मोईद ने शकील और मोहम्मद मुस्तकीम के साथ मिलकर एजीएच की साजिश को बढ़ावा दिया. उन्होंने आरोपी मिन्हाज अहमद और मुसीरुद्दीन की मदद से हथियार व गोला-बारूद हासिल करने में सहयोग किया. एनआईए की जांच के अनुसार, मिन्हाज को मूल आरोपी तौहीद और आदिल नबी उर्फ मूसा ने कट्टरपंथी बनाया था. मिन्हाज ने मुसीरुद्दीन के साथ मिलकर साजिश रची और बैयत (निष्ठा की शपथ) ली. दोनों ने India Government के खिलाफ युद्ध छेड़ने के इरादे से हथियार, विस्फोटक सामग्री और गोला-बारूद खरीदे थे. जुलाई 2021 में एटीएस ने मिन्हाज और मुसीरुद्दीन को गिरफ्तार किया, जबकि शकील, मुस्तकीम और मोईद को 14 जुलाई को पकड़ा गया.
एनआईए ने 5 जनवरी 2022 को पांच आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया और अगस्त 2022 में एक पूरक आरोप पत्र दाखिल किया. शेष चार आरोपियों, मिन्हाज अहमद, मुसीरुद्दीन, शकील और मुस्तकीम के खिलाफ मुकदमा Lucknow अदालत में चल रहा है.
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एससीएच