नई दिल्ली, 2 सितंबर . राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का कहना है उसने महिला शौचालय में कथित तौर पर छुपे हुए कैमरे लगाए जाने की घटना का संज्ञान लिया है. आयोग के मुताबिक यह आंध्र प्रदेश के एक इंजीनियरिंग कॉलेज की घटना है, जहां गर्ल्स हॉस्टल के टॉयलेट में कथित तौर पर कैमरे लगाए जाने की बात सामने आई है.
इसके अलावा बेंगलुरु के एक कैफे में भी, ऐसा मामला सामने आया है. इसके बाद अब आयोग ने आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी किया है.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस संदर्भ में सोमवार शाम बताया कि मीडिया रिपोर्टों पर स्वत संज्ञान लिया गया है. आयोग के मुताबिक जानकारी यह मिली कि आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में एक इंजीनियरिंग कॉलेज के गर्ल्स हॉस्टल के शौचालय से कथित तौर पर छुपे हुए कैमरे की मदद से 300 से अधिक तस्वीरें और वीडियो लिए गए थे. यह घटना तब सामने आई, जब छात्राओं के एक समूह ने कैमरा देखा और इसका विरोध करते हुए चेतावनी दी.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के मुताबिक यह बताया जा रहा है कि बॉयज हॉस्टल के कुछ छात्रों ने ये वीडियो खरीदे थे, इसके संबंध में पुलिस एक छात्र से पूछताछ कर रही है. आयोग का कहना है कि इस महीने की शुरुआत में, कथित तौर पर बेंगलुरु के एक प्रसिद्ध कैफे के शौचालय में भी एक छिपा हुआ कैमरा पाया गया था.
आयोग ने पाया है कि यदि मीडिया रिपोर्टों की सामग्री सही है, तो ये मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है. ये घटनाएं दर्शाती हैं कि संबंधित अधिकारी महिलाओं को सुरक्षित वातावरण प्रदान करने में सक्षम नहीं हैं, जो अपने आप में चिंता का विषय है. आयोग ने आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी किया है. अपने इस नोटिस में आयोग ने पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर की स्थिति सहित मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.
आयोग द्वारा कहा गया है कि संबंधित राज्यों की रिपोर्ट में अधिकारियों द्वारा उठाए गए प्रस्तावित कदमों का भी उल्लेख होना चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो. आयोग ने कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के अधिकारियों से दो सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है.
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जीसीबी/एबीएम