लखनऊ, 9 जनवरी . यूपी की राजधानी लखनऊ में एचएमपीवी का मरीज सामने आने की खबर को मुख्य चिकित्सा अधिकारी एनबी सिंह ने अफवाह करार दिया. समाचार एजेंसी ने गुरुवार को सीएमओ एनबी सिंह से बात करते हुए कहा कि लखनऊ में अब तक इस वायरस के कोई भी मामले सामने नहीं आए हैं.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी एनबी सिंह ने लोगों से संयम रखने की अपील की. उन्होंने कहा कि अभी तक हमारे पास लखनऊ में एक भी केस एचएमपीवी का नहीं आया है. यदि भविष्य में इस तरह के मामले सामने आते हैं, तो हम जल्द ही संज्ञान लेकर मीडिया के माध्यम से जनता को सूचित करेंगे.
उन्होंने कहा कि सर्दियों के मौसम में सामान्य रूप से सांस और हृदय संबंधित बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है, जो कि एक सामान्य प्रक्रिया है और इसमें कोई आशंका की बात नहीं है. यह वायरस सामान्य हो सकता है और इसे लेकर अभी तक किसी प्रकार की कंफर्मेशन नहीं आई है. इसलिए, जनता को इस प्रकार की भ्रामक खबरों से परेशान होने की कोई आवश्यकता नहीं है. हम पूरी तरह से स्थिति पर निगरानी रख रहे हैं और समय-समय पर सही जानकारी देंगे.
उन्होंने आगे कहा कि यदि किसी भी समय एचएमपीवी वायरस के मरीज लखनऊ में पाए जाते हैं, तो स्वास्थ्य विभाग तुरंत कदम उठाएगा और लोगों को उचित दिशा-निर्देश देगा. उन्होंने पुनः लोगों से अपील की कि वह किसी भी भ्रामक जानकारी से घबराएं नहीं और सभी अफवाहों पर विश्वास न करें.
बता दें कि एचएमपीवी के कहर को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने कमर कस ली है. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने देश में श्वसन संबंधी बीमारियों की वर्तमान स्थिति और उनके प्रबंधन के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की समीक्षा की. स्वास्थ्य सचिव की ओर से राज्यों को आईएलआई (इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षण) और एसएआरआई (गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण) की निगरानी को और मजबूत करने की सलाह दी गई है. इसके अलावा, राज्यों से यह भी कहा गया कि वह निवारक उपायों के बारे में जनता में जागरूकता बढ़ाएं, ताकि ऐसे मामलों का समय पर पता लगाया जा सके.
बता दें कि चीन से शुरू हुआ एचएमपीवी अब भारत तक पहुंच चुका है. कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल के अलावा तमिलनाडु में इस वायरस से जुड़े मामले की पुष्टि हो चुकी है. इसके अलावा, महाराष्ट्र सरकार ने इस संबंध में एडवाइजरी भी जारी कर दी है. केंद्र सरकार ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को पहले ही कह दिया कि हमें समय-समय पर इस संबंध में अपडेट देते रहना चाहिए.
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पीएसके/एएस