नव वर्ष 2025 : उगते सूरज संग काशी ने दुनिया को दिया वसुधैव कुटुंबकम का संदेश

वाराणसी, 1 जनवरी . नव वर्ष के मौके पर महादेव की नगरी काशी में आस्थावान जुटे. रोज की तरह ही नए साल का आगाज भी घंट-घड़ियाल, मंत्रोच्चार, गंगा आरती और भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर हुआ. हालांकि खास बात ये रही कि अस्सी घाट पर श्रद्धालु भारी संख्या में जुटे और देश दुनिया को सनातन की महानता का संदेश दिया.

सुबह-ए-बनारस गंगा आरती के आयोजक रत्नेश वर्मा ने वैदिक मंत्रों संग ब्रह्म मुहूर्त में पूजा अर्चना का महत्व समझाया.

बताया, ” आज हम लोगों ने नव वर्ष का आह्वान किया. हम सभी लोगों ने भारतीय परंपरा के अनुसार उन सारी शक्तियों का स्वागत किया, जिससे हमने वसुधैव कुटुंबकम को चरितार्थ किया. हमने सप्त आरती के माध्यम से नव वर्ष का स्वागत किया. सप्त आरती वैदिक मंत्रों पर आधारित आरती थी. सुबह –ए-बनारस की आरती पूरे विश्व में एक ऐसी आरती है, जो प्रात: काल होती है. हम लोगों ने भारतीय मान्यताओं को उसके वैश्विक स्वरूपों को स्वत: उजागर करने के लिए हम लोग गत एक दशक से कटिबद्ध हैं. आज इसका स्वरूप और उभरा है. आज यहां भारत के अलावा कई अन्य देशों से लोग आए हुए हैं. हमने मानव कल्याण शांति के लिए यज्ञ किया.

बता दें, नववर्ष पर सुबह-ए-बनारस का आयोजन सभी मजहब और पंथ के लोग मिलकर करते हैं. बनारस दुनिया को वसुधैव कुटुंबकम का मर्म समझाता है. इसमें सभी के लिए स्वस्थ रहने और सुखी रहने के साथ समृद्धि प्राप्त करने की कामना होती है. संदेश होता है कि सबके जीवन में संगीत का माधुर्य हो. आयोजकों मानते हैं जो श्रद्धालु काशी में नव वर्ष का स्वागत करने के लिए पहुंचे हैं, उनके लिए अस्सी घाट पर होने वाला नव वर्ष के पहले दिन का ये विशेष आध्यात्मिक अनुभव एक मौका है. इसमें शामिल होने वालों के लिए यह कभी न भूलने वाला साबित होगा..

गंगा आरती में शामिल होने वाले आस्थावान भी इन अद्भुत क्षणों के साक्षी बन प्रसन्न हैं. ऐसे ही कुछ लोगों ने से बात की.

कार्तिकेय ने से बातचीत में बताया कि मुझे इस बात की बहुत खुशी है कि मैंने गंगा आरती में हिस्सा लिया. इसके बाद अब मैं काशी विश्वनाथ दर्शन करूंगा. इस खास मौके पर घाट में काफी भीड़ देखने को मिल रही है. लेकिन, भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन की तरफ से पूरी तैयारी की गई है. लोगों में नए साल को लेकर काफी उत्साह है. हम भी नए साल के उमंग को लेकर खासा उत्साहित हैं.

सुशील कुमार खरे ने भी नए साल को लेकर अपने उत्साह और उमंग को साझा किया. उन्होंने बताया कि वो खुद को सौभाग्यशाली समझते हैं कि उन्हें अस्सी घाट की आरती में शामिल होने का मौका मिला.

एसएचके/केआर