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Bhopal , 23 नवंबर . नए लेबर कोड पर नेशनल फ्रंट ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (एनएफआईटीयू) के महासचिव डॉ. विराट जायसवाल ने कहा कि Prime Minister Narendra Modi द्वारा लागू किए गए लेबर कोड स्वतंत्रता के बाद का सबसे बड़ा ऐतिहासिक श्रम सुधार है. इससे देश के करोड़ों मजदूरों के जीवन में निर्णायक बदलाव लाएगा.
डॉ. जायसवाल ने से बातचीत में कहा कि देश में पहली बार टाइम-बाउंड मिनिमम वेतन की गारंटी दी गई है, जिससे श्रमिकों के वर्षों से जारी शोषण पर रोक लगेगी.
उन्होंने बताया कि पहले अलग-अलग कानूनों में वेतन की अलग-अलग परिभाषाएं थीं, जिससे भ्रम और शोषण बढ़ता था. इस सुधार से 40 करोड़ से अधिक श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा का अधिकार मिलेगा. इससे गिग वर्कर, प्लेटफॉर्म वर्कर, ओला-उबर ड्राइवर या जोमैटो-स्विगी के डिलीवरी पार्टनर हो, सबको फायदा होने वाला है. अब सभी ईएसआईसी और ईपीएफओ के दायरे में आएंगे. ये स्वतंत्र India में पहली बार होने जा रहा है.
एनएफआईटीयू नेता ने कहा कि नई श्रम संहिताएं महिलाओं के लिए समान वेतन, भेदभाव खत्म करने और सुरक्षित नाइट शिफ्ट सुनिश्चित करने में बड़ी भूमिका निभाएंगी. अब नाइट शिफ्ट तभी होगी जब महिला कर्मचारी की सहमति हो और उसकी सुरक्षा Government और नियोक्ता दोनों की जिम्मेदारी होगी. उन्होंने बताया कि नई श्रम संहिताएं साफ करती हैं कि 48 घंटे से अधिक काम करने पर हर कर्मचारी को डबल ओवरटाइम मिलेगा. साथ ही 40 वर्ष से अधिक उम्र के श्रमिकों के लिए मुफ्त स्वास्थ्य जांच अनिवार्य की गई है.
जायसवाल ने कहा कि इन सुधारों से India न सिर्फ दुनिया के श्रम मानकों के बराबर पहुंचेगा, बल्कि कई क्षेत्रों में उनसे आगे निकल जाएगा. उन्होंने Prime Minister मोदी और श्रम एवं रोजगार मंत्री मंसुख मांडविया को दूरदर्शी नेतृत्व के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि ये सुधार श्रमिकों के लिए न्याय और वर्कर डिग्निटी के नए युग की शुरुआत हैं.
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एएसएच/वीसी