मुंबई, 16 फरवरी . न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में हुए वित्तीय घोटाले और आरबीआई द्वारा रुपये की निकासी करने पर लगाए गए प्रतिबंध पर केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने प्रतिक्रिया जाहिर की. उन्होंने कहा कि सरकार जनता के हितों की रक्षा के लिए उचित कदम उठा रही है.
रामदास आठवले ने रविवार को से बात करते हुए कहा कि न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में घोटाला हुआ है, इसलिए रिजर्व बैंक ने इसे बंद करने का नोटिस दिया था. इस बैंक में हजारों लोगों के पैसे जमा थे, जो अब संकट में हैं. बैंक में भारी घोटाला होने के कारण हितेश मेहता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इस मामले की जांच की जाएगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी. सरकार की ओर से लोगों के हितों की रक्षा के लिए जरूरी इंतजाम किए जाएंगे.
बता दें कि मुंबई की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने शनिवार को 122 करोड़ रुपये के गबन के आरोप में न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के महाप्रबंधक हितेश मेहता को गिरफ्तार कर लिया है. ईओडब्ल्यू के समन पर हितेश मेहता उसके दफ्तर पहुंचे थे, जहां काफी देर तक चली पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया.
इससे पहले शनिवार को ईओडब्ल्यू के डीसीपी मंगेश शिंदे ने बताया था कि न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के कार्यवाहक मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) देवर्षि शिशिर कुमार घोष ने मुंबई के दादर थाने में हितेश मेहता के खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई थी. मेहता पर बैंक के 122 करोड़ रुपये के गबन का आरोप है. देवर्षि शिशिर कुमार घोष की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर में आरोप है कि महाप्रबंधक हितेश मेहता और उनके कुछ सहयोगियों ने आपराधिक षड्यंत्र रचकर बैंक में 122 करोड़ रुपये का गबन किया. महाप्रबंधक ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपने साथियों के साथ मिलकर यह घोटाला किया.
एफआईआर में आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 316(5) और 61(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है. इस मामले की जांच अब मुंबई की ईओडब्ल्यू को सौंपी गई है.
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मुंबई के न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर प्रतिबंध लगा दिया है. आरबीआई का कहना है कि ये प्रतिबंध बैंक की स्थिति में सुधार होने तक लागू रहेंगे. इस प्रतिबंध के बाद खाताधारक अलग-अलग बैंक जाकर अपने खाते की जानकारी प्राप्त करते नजर आ रहे हैं.
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पीएसके/एएस