रांची, 4 अगस्त . झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री और जमशेदपुर पूर्वी सीट के निर्दलीय विधायक सरयू राय रविवार को जनता दल यूनाइटेड में शामिल हो गए. पटना में जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष व राज्यसभा सदस्य संजय कुमार झा ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई.
सरयू राय भारतीय जन मोर्चा नामक एक पार्टी चलाते हैं. माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में इस पार्टी का जदयू में औपचारिक तौर पर विलय हो जाएगा. झारखंड में दो-तीन महीनों के अंदर होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले सरयू राय का जदयू में शामिल होना और उनकी पार्टी का संभावित विलय राज्य की राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम माना जा रहा है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ‘पाठशाला’ से निकले सरयू राय 2019 में झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले तक झारखंड-बिहार में भाजपा के कद्दावर नेताओं में शामिल रहे. वह राज्य में रघुवर दास के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री भी थे, लेकिन दोनों के बीच गहरे मतभेद थे. नतीजा यह हुआ कि रघुवर दास ने सरयू राय का विधानसभा टिकट कटवा दिया. इसके बाद सरयू राय भाजपा से बगावत कर रघुवर दास के खिलाफ निर्दलीय मैदान में उतरे और उन्हें पराजित भी कर दिया.
पिछले चार सालों से सरयू राय की भाजपा में वापसी के कयास लगते रहे, लेकिन अब उन्होंने जनता दल यूनाइटेड का दामन थाम लिया है. सरयू राय जदयू के प्रमुख नीतीश कुमार के कॉलेज के दिनों से मित्र रहे हैं. पिछले दिनों उन्होंने नीतीश कुमार से पटना में मुलाकात की थी और उसके बाद उन्होंने कहा था कि वे नीतीश कुमार की पार्टी के साथ मिलकर चलेंगे.
रविवार को उनके जदयू में शामिल होने के बाद पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”जदयू परिवार में आपका स्वागत है. झारखंड के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री, जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय जी को जदयू की सदस्यता दिलाई. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के साथ उनका कई दशकों से व्यक्तिगत संबंध रहा है. मुझे विश्वास है, सरयू राय जी के आने से झारखंड में पार्टी को मजबूती मिलेगी.’
सरयू राय के जदयू में शामिल होने के मौके पर बिहार सरकार के एवं जदयू के झारखंड प्रदेश प्रभारी अशोक चौधरी, मंत्री श्रवण कुमार, राज्यसभा सांसद सह जदयू के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष खीरू महतो सहित कई अन्य नेता मौजूद रहे.
गौरतलब है कि नीतीश कुमार की पार्टी का बीते एक-डेढ़ दशक में झारखंड में जनाधार लगातार घटता चला गया. अब सरयू राय झारखंड में जदयू की खोई जमीन को हासिल करने के नीतीश के अभियान के अगुआ बन सकते हैं.
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एसएनसी/