खुर्जा और बुलंदशहर को मिलाकर बनेगा नया प्राधिकरण

लखनऊ, 13 जून . उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्च स्तरीय बैठक में खुर्जा, बुलंदशहर और मुरादाबाद विकास प्राधिकरण की जीआईएस आधारित महायोजना-2031 के प्रस्तुतिकरण का अवलोकन किया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.

उन्होंने कहा कि खुर्जा और बुलंदशहर दो अलग-अलग विकास प्राधिकरण के रूप में गठित हैं, दोनों ही विकास प्राधिकरणों में आर्थिक, वाणिज्यिक, औद्योगिक, सांस्कृतिक और सामाजिक समरूपता है. पूरा क्षेत्र एक ही जनपद बुलंदशहर के अंतर्गत आता है. विकास के लिए दीर्घकालिक योजनाओं को बनाने और उनके सुगम क्रियान्वयन के लिए जरूरी है कि दोनों प्राधिकरणों को मिलाकर एक बड़े विकास प्राधिकरण का गठन किया जाए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि खुर्जा का सिरेमिक उद्योग देश-विदेश में विशेष पहचान रखता है. वर्ष 2021 में 23 मिलियन यूएस डॉलर मूल्य के सिरेमिक उत्पाद निर्यात किए गए. इस सेक्टर में बहुत संभावना है. आवश्यकता है कि इससे जुड़े उद्यमियों, शिल्पियों की अपेक्षाओं के अनुसार सुविधाओं का विस्तार किया जाए. उन्हें मार्केट उपलब्ध कराएं. सिरेमिक हाट का निर्माण कराएं.

उन्होंने कहा कि जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट खुर्जा के समीप है. ईस्टर्न और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का लाभ भी खुर्जा को मिल रहा है. यह विशेष स्थिति खुर्जा को भविष्य में निर्यात का हब बनने में बड़ी भूमिका निभाएगा. पॉटरी उद्योग के उद्यमियों के लिए एक नए इंडस्ट्रियल एरिया का विकास भी किया जाना चाहिए. रिड्यूज, रीयूज, रिसाइकिल की नीति के साथ सभी नगरों में सॉलिड और लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए ठोस कार्ययोजना होनी चाहिए. इसे महायोजना में स्थान दें. एसटीपी, सीईटीपी का निर्माण कराएं. लैंडफिल साइट पहले से चिन्हित हो.

उन्होंने कहा कि मुरादाबाद में रामगंगा नदी के किनारे अतिक्रमण की स्थिति है. ऐसी ही स्थिति काशी, सहारनपुर आदि जनपदों में भी देखी जा सकती है. अभी लखनऊ में कुकरैल नदी के पुनर्जीवन की कार्रवाई हो रही है. अवैध बसावट को हटाकर उन्हें अन्यत्र पुनर्वासित कराया गया है. इसी प्रकार, अन्य जिलों में भी स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप कार्रवाई की जानी चाहिए. सीमा विस्तार में शामिल नए गांवों को महायोजना में आबादी के रूप में ही दर्ज किया जाए. किसी भी दशा में इसे ग्रीन बेल्ट न कहा जाए.

उन्होंने कहा कि सभी नगरों में इनर रिंग रोड का विकास करना होगा. इस इनर रिंग रोड के बगल में विभिन्न लिंक रोड पर सुविधाएं विकसित की जानी चाहिए. नगर के अंदर के कंजेशन को दूर करने के लिए यह आवश्यक है कि रिंग रोड के किनारे पर अलग-अलग व्यवसायिक गतिविधियों का विकास करने के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए. कहीं स्पोर्ट्स सिटी, मेडि सिटी, नॉलेज सिटी, नेचर पार्क, आयुष पार्क आदि का विकास किया जाना चाहिए.

विकेटी/एबीएम