री-नीट से बचने के लिए सरकार व एनटीए के नए-नए तर्क : वकील धीरज सिंह

नई दिल्ली, 11 जुलाई . नीट पेपर लीक मामले में याचिकाकर्ता अभ्यर्थियों के वकील धीरज सिंह ने कहा कि, भारत सरकार और एनटीए री-नीट को बचाने के लिए रोज नए नए तरीके ला रहे हैं.

वकील धीरज सिंह ने कहा कि कई नए तरीके से फैक्ट सामने आए हैं. पहले 67 टॉपर्स की बात हुई, फिर रीएग्जामिनेशन के बाद इनकी संख्या 61 हुई. इसमें से एक सवाल गलत होने पर 44 को कंपनसेट्री मार्क्स दिया गया है. 44 अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिनके 715 मार्क्स बनते थे, लेकिन एक सवाल गलत होने पर उनको 720 मार्क्स दिए गए.

इसलिए भारत सरकार और एनटीए रोज नए-नए तरीके ला रही है, ताकि किसी भी कीमत पर री-नीट से बचा जाए.

वकील ने कहा, टेलीग्राम को उन्होंने एडिटेड वर्जन बताया है. इस पर हमारा कहना है कि, कुछ छात्रों के पास सूचना आई है, इसको उन्होंने कोर्ट के समक्ष रखा है. इसलिए इसको एडिटेड कहना ठीक नहीं है. कोर्ट ने फोरेंसिक जांच के लिए कहा है.

इसके अलावा एक और महत्वपूर्ण बात है, जिस पर अदालत ने स्पष्टीकरण मांगा था कि पेपर लीक कब हुआ है और सबसे पहले इसकी रिपोर्ट कब हुई है. इस बात पर एनटीए अपने शपथ पत्र पर शांत रहा. एनटीए ने पटना लीक को भी अस्वीकार कर लिया है.

अगर बात सवाई माधोपुर की करें तो एनटीए ने कहा है कि यहां पर कोई पेपर लीक नहीं हुआ है, जबकि पहले इन्होंने अपने वेबसाइट पर कहा था कि 4 बजकर 25 मिनट पर पेपर लीक हुआ है. अब एनटीए ने अपना स्टैंड बदल लिया है और कोर्ट में पेश शपथ पत्र में कहा है कि कोई पेपर लीक नहीं हुआ है.

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