बेंगलुरु, 27 मई . अमेरिका में विदेशी छात्रों को परीक्षा या कक्षा को छोड़ने पर छात्र वीजा रद्द किए जाने की चेतावनी देने पर पूर्व राजनयिक जे.के. त्रिपाठी ने मंगलवार को अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने बताया कि वास्तविक छात्रों को इससे कोई नुकसान नहीं होगा.
पूर्व राजनयिक जे.के. त्रिपाठी ने कहा, “कक्षा या परीक्षा छोड़े जाने पर प्रवासी छात्रों पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है. कार्रवाई में उनका छात्र वीजा खत्म करने के साथ-साथ निर्वासन करने और भविष्य में अमेरिका आने पर पाबंदी लगाने की बात कही गई है. यह सिर्फ भारतीय छात्रों के लिए नहीं बल्कि समस्त विश्व के छात्रों के लिए किया जा रहा है. यह दूसरी बात है कि अमेरिका में इस वक्त भारतीय छात्र सर्वाधिक संख्या में मौजूद हैं. सिर्फ 2023 में अमेरिका में 1.40 लाख भारतीय छात्रों को पढ़ने के लिए वीजा दिया गया था, जो सबसे ज्यादा था.”
त्रिपाठी ने कहा, “एडवाइजरी में लिखा गया है कि अगर बिना शैक्षणिक संस्थान को बताए आप कक्षाओं में अनुपस्थित रहे या परीक्षा नहीं दी, तो कार्रवाई होगी. ऐसे में अगर आप वास्तविक छात्र हैं तो आप शिक्षण संस्था को सूचना देकर अनुपस्थित रह सकते हैं, लेकिन अगर ऐसा नहीं है तो उस परिस्थिति में कार्रवाई की जाएगी.”
उन्होंने बताया, “अमेरिका में ऐसा इसलिए प्रावधान किया गया है, क्योंकि कई लोग छात्र वीजा पर वहां जाते हैं और वे पढ़ने की बजाय वहां पर अन्य काम करते हैं. ऐसे में जिस कार्य के लिए आपको वीजा दिया गया था, अगर आप वह कार्य नहीं कर रहे हैं तो आपका वीजा रद्द किया जा सकता है. सिर्फ अमेरिका ही नहीं, अन्य देशों में भी ऐसा होता है. इसी साल मार्च-अप्रैल महीने में 7,400 से ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय छात्रों का वीजा रद्द करके उन्हें वापस अपने देश भेजा गया.”
उल्लेखनीय है कि अमेरिका में यह चेतावनी इस साल की शुरुआत में अमेरिकी सरकार द्वारा किए गए कई सामूहिक निर्वासन अभियानों के बाद आई है, जिनमें कई छात्रों और अन्य अप्रवासियों को टारगेट किया गया था.
–
एससीएच/एकेजे