नेस्ले इंडिया का चौथी तिमाही का मुनाफा उच्च इनपुट लागत के कारण 5 प्रतिशत गिरा

नई दिल्ली, 24 अप्रैल . एफएमसीजी प्रमुख नेस्ले इंडिया लिमिटेड ने गुरुवार को वित्त वर्ष 2025 की जनवरी-मार्च तिमाही के लिए अपने शुद्ध लाभ में 5 प्रतिशत की सालाना गिरावट दर्ज की, जो मुख्य रूप से कच्चे माल की बढ़ती लागत के कारण 885.4 करोड़ रुपए रहा.

स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में बताया गया है कि कंपनी को कॉफी, कोको और दूध जैसी प्रमुख वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि से बढ़ते दबाव का सामना करना पड़ा, जिससे तिमाही के दौरान कंपनी की समग्र लाभप्रदता प्रभावित हुई.

कंपनी की निर्यात बिक्री में भी भारी गिरावट आई, जो कि सालाना आधार पर 8.65 प्रतिशत गिर गई. निर्यात में इस गिरावट ने घरेलू मांग में मामूली सुधार के बावजूद कंपनी की कुल बिक्री वृद्धि को 3.7 प्रतिशत तक कम कर दिया.

कंपनी के लिए लगातार लागत मुद्रास्फीति एक बड़ी चुनौती बनी रही. खाद्य तेल की कीमतें स्थिर रहीं, लेकिन खासकर गर्मियों की शुरुआत के साथ कॉफी, कोको और दूध की बढ़ती कीमतों ने कंपनी के मुनाफे पर प्रभाव डाला.

नेस्ले इंडिया ने अपने मुख्य उत्पाद श्रेणियों में गति बनाए रखने की कोशिश की. इसके बावजूद लाभप्रदता कम हुई.

नेस्ले इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक सुरेश नारायणन ने कहा, “चुनौतीपूर्ण मैक्रो वातावरण में मात्रा में वृद्धि उपभोक्ता की मजबूत और बेहतर भावना का एक मजबूत संकेत है. हालांकि, लगातार लागत मुद्रास्फीति ने लाभप्रदता पर दबाव जारी रखा.”

उन्होंने कहा कि इनोवेशन और वितरण में निरंतर निवेश से सभी श्रेणियों में बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने में मदद मिल रही है. कंपनी ने घरेलू बिक्री में 4.2 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्ज की, जो 5,235 करोड़ रुपए के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई.

यह वृद्धि बेहतर उपभोक्ता भावना और शहरी बाजारों में विशेष रूप से प्रमुख फूड और बेवरेज सेगमेंट में बढ़ी हुई बिक्री के कारण दर्ज की गई.

कंपनी ने वित्त वर्ष 2025 के लिए 10 रुपए प्रति इक्विटी शेयर का अंतिम लाभांश भी घोषित किया है, जिसकी रिकॉर्ड तिथि 4 जुलाई निर्धारित की गई है और भुगतान 24 जुलाई से शुरू होगा.

कंपनी ने अपनी फाइलिंग में कहा कि यह वित्त वर्ष के दौरान वितरित पहले के अंतरिम लाभांश के अतिरिक्त है.

एसकेटी/एबीएम