New Delhi, 3 जुलाई . उद्योगपति और स्टील कारोबारी एम.एल. मित्तल ने Prime Minister Narendra Modi के साथ अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए उनकी सादगी, सेवा-भावना और नेतृत्व की मिसाल को याद किया. उन्होंने बताया कि पहली बार उनकी मुलाकात Narendra Modi से वर्ष 1998 में न्यूयॉर्क में हुई थी, जब वह एक अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे थे.
एम.एल. मित्तल ने एक वीडियो में बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य था – “दुनिया एक परिवार है” यानी ‘वसुधैव कुटुंबकम’. उस दौरान संयुक्त राष्ट्र द्वारा गरीबी उन्मूलन पर एक वैश्विक बैठक आयोजित की गई थी. मित्तल बताते हैं कि उस समय Narendra Modi किसी Governmentी पद पर नहीं थे, फिर भी उनकी जानकारी और वैश्विक दृष्टिकोण ने उन्हें बेहद प्रभावित किया. उन्होंने कहा, “इतने युवा होते हुए भी Narendra Modi की सोच बहुत परिपक्व थी. उन्होंने मुझसे पूछा कि आप मेरी क्या मदद कर सकते हैं, यह विनम्रता और समर्पण दुर्लभ है.”
मित्तल बताते हैं कि मोदी का जीवन तपस्वी की तरह था. वह न एसी में सोते, न होटल में रुकते. फलाहार करते, जमीन पर सोते और जहां भी जाते, अपने अनुयायियों के घर में ठहरते थे. एक बार उन्होंने अपना टिफिन निकाला जिसमें सिर्फ गुड़ और मूंगफली थी और कहा, ‘यही मेरा भोजन है.’ मुझे यकीन नहीं हुआ कि ऐसा कोई व्यक्ति भी हो सकता है.
मित्तल ने एक और किस्सा साझा किया. जब वह एक जगह उनके साथ ठहरे थे. उन्होंने देखा कि Narendra Modi सुबह पांच बजे उठकर बाकी साथियों के लिए चाय बनाते और टेबल सजाते. जब मित्तल ने टोका तो जवाब मिला, “यह मेरा काम है, सेवा मेरी आदत है.”
जब Narendra Modi भाजपा के महासचिव बनाए गए और दिल्ली बुलाया गया, तब मित्तल ने सोचा था कि अब वह Governmentी सुविधा में रहेंगे. लेकिन वह एक साधारण सांसद के सर्वेंट क्वार्टर में बिना पंखे, बिना एसी के रहते थे. मित्तल बताते हैं, “जब मैं मिलने गया तो वह पजामा पहने खड़े थे. हाथ में पानी का मग था और गर्मी में पसीने से भीगे हुए थे. फिर भी चेहरे पर वही मुस्कान थी. बोले, ‘ऑफिस में मैं बॉस हूं.’
उन्होंने कहा कि Narendra Modi ने कभी सत्ता के लिए नहीं, सेवा के लिए राजनीति की राह चुनी. मित्तल कहते हैं कि वह जहां भी जाते, खुद के लिए कुछ नहीं लेते. उन्हें जब भी विदेश दौरे पर 25 डॉलर का भत्ता मिलता, उसमें से बचाकर India लौटते और पार्टी फंड में जमा कर देते. वो कहते थे, यह जनता का पैसा है, सेवा में लगना चाहिए.
मित्तल ने इस बात पर गर्व जताया कि Narendra Modi ने Gujarat में जो विकास मॉडल स्थापित किया, वह आज दुनिया के सामने एक उदाहरण बन गया है. उनकी योजनाएं और कार्यशैली आज भी उसी तप, त्याग और अनुशासन से प्रेरित हैं, जो मैंने 1998 में पहली बार देखा था.
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डीएससी/एकेजे