नेहरू-गांधी परिवार को अपनी विरासत निभाते हुए बांग्लादेश संकट पर बोलना चाहिए : शेहला राशिद (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)

नई दिल्ली, 11 दिसंबर . जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी की पूर्व छात्र नेता शेहला राशिद ने बुधवार को न्यूज एजेंसी से बात करते हुए बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर प्रतिक्रिया दी. शेहला राशिद ने कहा है कि यह केवल विपक्ष की जिम्मेदारी नहीं है. आपने देखा कि मंगलवार को नागपुर में मुसलमानों ने एक मार्च निकाला, जिसमें उन्होंने इस चीज पर अपनी आवाज उठाई. लेकिन, विपक्ष की बात नहीं है.

उन्होंने कहा कि मैं पूरे विपक्ष की प्रवक्ता नहीं हूं. लेकिन, नेहरू-गांधी परिवार को इस पर जरूर बोलना चाहिए. यह इंदिरा गांधी की विरासत है. उन्होंने बांग्लादेश को आजाद करवाया था. उसमें बहुत सारे हिंदुस्तानी और बांग्लादेशियों की शहादत शामिल है. मेरी यह जरूर अपेक्षा है कि नेहरू-गांधी परिवार इस विषय पर जरूर बोलेंगे.

इस दौरान जेएनयू की पूर्व छात्रा शेहला राशिद ने अपनी पुस्तक ‘रोल मॉडल्स : इंस्पायरिंग स्टोरीज ऑफ इंडियन मुस्लिम अचीवर्स’ के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा कि मेरा पहला एक ऐसा अकाउंट है, जहां पर मुसलमान को एक पॉजिटिव लाइट में दिखाया गया है और मुसलमान किस तरह से ‘विकसित भारत’ के निर्माण में कंट्रीब्यूट कर रहे हैं और आगे कैसे कंट्रीब्यूट करेंगे. जब हम ‘विकसित भारत’ की बात करते हैं तो 20 करोड़ लोगों के कंट्रीब्यूशन के बगैर नहीं हो सकता है. आप उन्हें पीछे नहीं छोड़ सकते हैं. यह किताब हिंदुस्तानी मुसलमान और ‘विकसित भारत’ के बारे में है. किस तरह से हम लोग अपने मुल्क को ‘विकसित भारत’ बना सकते हैं.

से बात करते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी प्रशंसा की. शेहला राशिद ने कहा कि पीएम मोदी एक फेयर एडमिनिस्ट्रेटर हैं. अगर वह कोई योजना लाते हैं, चाहे वह आवास योजना हो, मुद्रा योजना हो या फिर कोई अन्य योजना, उसका लाभ सबको मिल रहा है. अगर आप सच्चर कमेटी की रिपोर्ट देखेंगे तो उसमें लिखा हुआ था, उस समय पर ‘जवाहर स्कीम’ होती थी, जिसमें मुस्लिम महिलाओं से भेदभाव होता था. लेकिन, आज पीएम मोदी ने सारी इंटरफेस को डिजिटल कर दिया है. कोई अफसर भेदभाव के लिए बैठा नहीं है. सबको इन योजनाओं का लाभ आसानी से मिलता है, वो भी बिना भेदभाव के.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के बारे में जो अलग बात है, वह यह है कि पीएम मोदी कभी इसका प्रचार नहीं करते हैं, वह कभी यह नहीं कहते हैं कि मैंने मुसलमानों के लिए यह कर दिया. जबकि, उन्होंने उनके लिए किया होगा. पीएम मोदी के मुताबिक देश में सिर्फ चार जातियां हैं, युवा, महिला, किसान, गरीब. वो (पीएम मोदी) उन्हीं का विकास कर रहे हैं, जिन्हें इसकी जरूरत है. लेकिन, वह कभी इस चीज की चर्चा नहीं करते हैं कि हमने मुसलमानों के लिए यह कर दिया. इस शब्द की चर्चा नहीं करते हैं और ना ही वोट की अपेक्षा रखते हैं, ना ही वोट मांगते हैं. वह चाहते हैं कि मुस्लिम समाज अपने कदमों पर खड़ा हो, अपना विकास करे और खुद रिफॉर्म हो. वर्ल्ड हिस्ट्री में देखें तो जितनी भी कम्युनिटी है, जिन्होंने रिफॉर्म किया है यानी क्रिश्चियन, हिंदू, जिन्होंने भी रिफॉर्म किया, उन्होंने तरक्की की. हिंदुओं में छुआछूत, सती प्रथा थी, इसे हिंदुओं ने समाप्त किया. वो मुस्लिम समाज से भी इस रिफॉर्म की मांग करते हैं, आपको कोई गवर्नमेंट कुछ नहीं देगी. आप तरक्की कीजिए, हिंदुस्तान एक आजाद मुल्क है. आप जर्नलिस्ट बनना चाहते हैं, आप जर्नलिस्ट बन सकते हैं. एक्टर बनना चाहते हैं, एक्टर बन सकते हैं. यह सब आपकी मेरिट पर निर्भर करता है.

एसके/एबीएम