New Delhi, 11 अगस्त . Prime Minister Narendra Modi ने Monday को यूक्रेन के President वोलोदिमिर जेलेंस्की से फोन पर बातचीत की. इस दौरान President जेलेंस्की ने यूक्रेन से जुड़े हालिया घटनाक्रमों के बारे में पीएम मोदी को जानकारी दी.
Prime Minister मोदी ने President जेलेंस्की का आभार व्यक्त करते हुए यूक्रेन में संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान और जल्द से जल्द शांति बहाली के लिए India की दृढ़ और सतत स्थिति को दोहराया.
उन्होंने इस दिशा में India की ओर से हरसंभव समर्थन प्रदान करने की प्रतिबद्धता जताई.
पीएम मोदी ने Monday को social media प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “President जेलेंस्की से बात करके और हाल के घटनाक्रमों पर उनके विचार जानकर मुझे खुशी हुई. मैंने संघर्ष के शीघ्र और शांतिपूर्ण समाधान की आवश्यकता पर India की दृढ़ स्थिति से उन्हें अवगत कराया. India इस संबंध में हर संभव योगदान देने और यूक्रेन के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है.”
यूक्रेन के President जेलेंस्की ने एक्स पर लिखा, “मैंने India के Prime Minister Narendra Modi के साथ लंबी बातचीत की. हमने हमारी द्विपक्षीय सहयोग और समग्र कूटनीतिक स्थिति सहित सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की. मैं Prime Minister का हमारे लोगों के प्रति उनके गर्मजोशी भरे समर्थन के लिए आभारी हूं.”
उन्होंने आगे कहा, “मैंने हमारे शहरों और गांवों पर, खासकर कल जोपोरिजिया में बस स्टेशन पर हुए रूसी हमलों के बारे में बताया, जहां एक सामान्य शहरी सुविधा पर रूस के जानबूझकर किए गए बमबारी में दर्जनों लोग घायल हुए. यह तब हो रहा है, जब युद्ध को समाप्त करने की कूटनीतिक संभावना अंततः दिखाई दे रही है, लेकिन रूस युद्धविराम के लिए तत्परता दिखाने के बजाय केवल कब्जे और हत्याओं को जारी रखने की अपनी इच्छा दिखा रहा है. यह महत्वपूर्ण है कि India हमारे शांति प्रयासों का समर्थन कर रहा है और इस रुख को साझा करता है कि यूक्रेन से संबंधित हर निर्णय में यूक्रेन की भागीदारी होनी चाहिए. अन्य तरीकों से परिणाम नहीं मिलेंगे.”
दोनों नेताओं के बीच रूस पर प्रतिबंधों को लेकर भी बात हुई. जेलेंस्की ने कहा, “हमने रूस के खिलाफ प्रतिबंधों पर भी विस्तार से चर्चा की. मैंने कहा है कि रूसी ऊर्जा, विशेष रूप से तेल के निर्यात को सीमित करना आवश्यक है, ताकि इस युद्ध को जारी रखने के लिए रूस की क्षमता और संसाधनों को कम किया जा सके. यह जरूरी है कि रूस पर ठोस प्रभाव रखने वाला हर नेता मॉस्को को इसी तरह के संकेत भेजे. हमने सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान व्यक्तिगत मुलाकात की योजना बनाने और आपसी यात्राओं के आदान-प्रदान पर काम करने के लिए सहमति व्यक्त की है.”
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एफएम/एबीएम