चमोली, 2 मार्च . उत्तराखंड के चमोली में आए भयंकर बर्फीले तूफान और शुक्रवार सुबह हुए हिमस्खलन में आठ लोगों की मौत हो गई. सेना ने रविवार शाम इसकी पुष्टि की. इसके साथ ही राहत एवं बचाव ऑपरेशन भी समाप्त कर दिया गया.
चमोली के माणा इलाके में बीआरओ कैंप के 55 श्रमिक बर्फीले तूफान की चपेट में आ गए थे. इलाके के ब्रिगेड कमांडर, ब्रिगेडियर मनदीप ढिल्लों ने बताया कि इस हादसे में आठ लोगों की मृत्यु हुई है. बचाव अभियान के दौरान रविवार शाम बर्फ में दबा आठवां शव मिला. रविवार शाम चार बजकर 43 मिनट पर अंतिम लापता कर्मचारी का शव बरामद किया गया. इसके बाद मरने वालों की संख्या आठ हो गई है.
हिमस्खलन की चपेट में आए 55 श्रमिकों में से 46 को पहले ही बचा लिया गया था. एक श्रमिक खुद अपने घर पहुंच गया. वहीं, आठ अन्य लापता श्रमिकों के शव बरामद हुए हैं. इनमें से चार के शव रविवार को बरामद हुए.
राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी भारतीय सेना ने दुर्भाग्यपूर्ण प्राकृतिक आपदा में अपनी जान गंवाने वाले श्रमिकों के परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त की है.
ब्रिगेडियर मनदीप ढिल्लों ने कहा कि भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, सीमा सड़क और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों द्वारा चलाए गए अथक और पेशेवर बचाव अभियानों से यहां कई लोगों की जान बचाई गई.
गौरतलब है कि इस बर्फीले इलाके में राहत एवं बचाव के दौरान भी बर्फबारी और बारिश समस्याएं खड़ी करती रही. भारतीय सेना ने उन सभी सैनिकों और कर्मियों के प्रयासों की सराहना की है जिन्होंने इस बचाव अभियान को अंजाम देने के लिए खराब मौसम और इलाके का सामना किया.
सेना की मध्य कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता ने चल रहे खोज और बचाव कार्यों की स्वयं निगरानी की. उन्होंने समन्वय करने के लिए उत्तराखंड में हिमस्खलन स्थल का दौरा भी किया. जीवित बचे लोगों का पता लगाने के लिए विशेष टोही रडार, यूएवी, क्वाडकॉप्टर और हिमस्खलन बचाव में माहिर कुत्तों को तैनात किया गया था. सेना के हेलीकॉप्टर लगातार आवश्यक उपकरणों को आगे पहुंचाने का काम कर रहे थे. हेलीकॉप्टर की सहायता से कई घायलों को निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया.
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जीसीबी/एकेजे/एफजेड