आपराधिक छवि वालों को संवैधानिक पद से हटाने वाले बिल को एनडीए नेताओं ने बताया स्वागतयोग्य कदम

New Delhi, 20 अगस्त . केंद्र Government ने संसद के मानसून सत्र में Wednesday को तीन बिल पेश किए. इसमें से एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्तियों की गिरफ्तारी से जुड़ा है. इसके प्रावधानों के अंतर्गत संवैधानिक पद पर बैठा कोई व्यक्ति एक महीने तक जेल में रहता है तो उसे अपने पद से इस्तीफा देना पड़ेगा. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के नेता इस बिल का स्वागत कर रहे हैं.

जनता दल (यूनाइटेड) से सांसद संजय कुमार झा ने इस बिल का स्वागत किया. उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि जिन लोगों ने संविधान बनाया है, उन्होंने कभी सोचा नहीं होगा कि ऐसा एक दिन आएगा, जब Chief Minister जेल जाएगा और तिहाड़ से जाकर शासन चलाएगा. लेकिन ऐसे नेता आए, जिन्हें कोर्ट ने जेल भेज दिया, और उसके बावजूद वे Chief Minister पद पर बने रहे. ऐसे में Government का यह बिल एक स्वागतयोग्य कदम है.”

उन्होंने कहा, “Chief Minister को कोर्ट ने जेल भेजा. अगर विपक्ष को चुनाव आयोग के बाद न्यायिक प्रणाली पर भी भरोसा नहीं है, तो क्या कहा जा सकता है? जेल Government नहीं, बल्कि कोर्ट भेजती है. हम Prime Minister को धन्यवाद देते हैं कि वो ऐसे बिल लेकर आ रहे हैं, जिससे लोगों का भरोसा राजनीति से जुड़े लोगों पर बढ़ेगा.”

भाजपा विधायक हरीश खुराना ने कहा, “हमारा India भ्रष्टाचार से मुक्त होना चाहिए, और Prime Minister इसके लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध और दृढ़ हैं. संविधान निर्माताओं ने कभी नहीं सोचा था कि कोई व्यक्ति इस्तीफा दिए बिना जेल से शासन करेगा.”

भाजपा विधायक सतीश उपाध्याय ने कहा, “भ्रष्टाचार पूरी तरह खत्म होना चाहिए और Prime Minister भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति रखते हैं.”

बता दें कि Wednesday को Government ने संसद में तीन अहम बिल पेश किए. इसमें एक बिल गंभीर आपराधिक मामले वाले राजनेताओं को उनके संवैधानिक पद से हटाए जाने से संबंधित है. दूसरा गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज (संशोधन) बिल 2025 और तीसरा जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) बिल 2025 है.

एससीएच/एबीएम