तिरुवनंतपुरम, 12 नवंबर . राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरद पवार (एनसीपी-एसपी) की केरल इकाई ने मंगलवार को अपने विधायक थॉमस के. थॉमस को दलबदल के लिए नकदी के आरोप से क्लीन चिट दे दी. उन पर आरोप था कि उन्होंने पैसे के बदले में अजित पवार की पार्टी एनसीपी में शामिल होने के लिए वामपंथी पार्टी से जुड़े दो विधायकों से संपर्क किया था.
पार्टी नेताओं के चार सदस्यीय समूह ने जांच की और थॉमस को आरोप से बरी कर दिया. इसके साथ ही, अब यह देखना बाकी है कि क्या थॉमस को पिनाराई विजयन मंत्रिमंडल में उनके वरिष्ठ पार्टी सहयोगी और राज्य के वन मंत्री एके ससींद्रन की जगह लेने का बहुप्रतीक्षित फैसला हकीकत बन पाएगा या नहीं.
सितंबर में पार्टी अध्यक्ष शरद पवार की अध्यक्षता में हुई बैठक में थॉमस के नाम को कैबिनेट में शामिल करने को मंजूरी दी गई थी, जिसमें थॉमस, ससींद्रन और राज्य पार्टी अध्यक्ष पीसी चाको भी शामिल हुए थे.
व्यवस्था के तहत तीनों ने सीएम विजयन से मुलाकात की और पवार का पत्र पेश किया, जिसमें थॉमस को ससींद्रन की जगह नियुक्त करने की मंजूरी दी गई थी.
लेकिन थॉमस के खिलाफ यह आरोप सामने आने के बाद सीएम विजयन ने उनके मंत्रिमंडल में शामिल होने पर रोक लगा दी थी. पूर्व राज्य परिवहन मंत्री एंटनी राजू ने दावा किया कि उन्हें और एक अन्य वामपंथी निर्दलीय विधायक कोवूर कुंजुमन को अजित पवार की पार्टी में शामिल होने के लिए 50-50 करोड़ रुपये की पेशकश की गई थी.
जबकि कुंजुमन ने इस बात से इनकार किया कि ऐसा कुछ हुआ था, राजू अपनी बात पर अड़े रहे. इसके बाद थॉमस ने उन्हें झूठ पकड़ने वाले परीक्षण से गुजरने की चुनौती दी और दावा किया कि राजू का आरोप आसन्न मंत्रिमंडल विस्तार से पहले उनकी छवि खराब करने और उन्हें पद मिलने की संभावनाओं को कम करने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा है.
अब सबकी निगाहें विजयन पर हैं, क्योंकि थॉमस की पार्टी ने उन्हें किसी भी गलत काम से बरी कर दिया है. इस ताजा घटनाक्रम के बारे में पूछे जाने पर ससींद्रन ने सीधा जवाब देने से बचते हुए कहा, “इस पर पार्टी को फैसला लेना है.”
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