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New Delhi, 19 नवंबर . बैंकिंग सेक्टर से अलग सिक्योर्ड लोन देने वाली नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (एनबीएफसी) के एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) में अगले दो वर्षों में मजबूत ग्रोथ देखने को मिलेगी. यह जानकारी Wednesday को जारी रिपोर्ट में दी गई.
क्रिसिल रेटिंग्स की ओर से जारी की गई रिपोर्ट में बताया गया कि सिक्योर्ड लोन देने वाली एनबीएफसी कंपनियां का एयूएम चालू और अगले वित्त वर्ष में 18-19 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है. वहीं, पिछले साल भी इन एनबीएफसी के एयूएम की विकास दर 18.5 प्रतिशत रही थी.
रिपोर्ट में बताया गया कि सिक्योर्ड लोन देने वाली एनबीएफसी कंपनियों के तीन मुख्य बिजनेस सेगमेंट हैं, जिसमें होम लोन, प्रॉपर्टी को गिरवी रखकर लोन और थोक लोन शामिल हैं.
होम लोन, जो पोर्टफोलियो का सबसे बड़ी लगभग 59 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखता है, इस वर्ष और अगले वर्ष 12-13 प्रतिशत की मध्यम वृद्धि दर्ज करेगा, जो पिछले वित्त वर्ष में दर्ज 14 प्रतिशत की वृद्धि से थोड़ा कम है.
प्रॉपर्टी को गिरवी रखकर लोन, जिसकी कुल एयूएम में लगभग 32 प्रतिशत हिस्सेदारी है, होम लोन की तुलना में तेजी से बढ़ता रहेगा, लेकिन पहले की तुलना में गति धीमी रहेगी.
रिपोर्ट में कहा गया है कि इसकी वृद्धि पिछले वर्ष के 32 प्रतिशत की तुलना में घटकर 27-29 प्रतिशत रहने की उम्मीद है.
थोक लोन सेगमेंट, जिसमें डेवलपर फंडिंग और लीज रेंटल डिस्काउंटिंग शामिल है, में वित्त वर्ष 2025 में मामूली सुधार देखा गया. इस सेगमेंट में और तेजी आने की संभावना है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि होम लोन की मांग को समर्थन देने वाले दीर्घकालिक कारक मजबूत बने हुए हैं. India में अभी भी सिक्योर्ड लोन की पहुंच कम है, और शहरीकरण बढ़ रहा है.
केंद्रीय बजट में घोषित हालिया आयकर कटौती से खर्च करने योग्य आय में और वृद्धि होगी, जिससे उधार लेना आसान हो जाएगा. साथ ही, निर्माण सामग्री और निर्माणाधीन घरों पर GST में कटौती से अफोर्डेबिलिटी में वृद्धि होने की उम्मीद है.
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एबीएस/