नौसेना की अध्यक्षता वाली समिति करेगी ‘शिवाजी प्रतिमा’ को हुए नुकसान की जांच

नई दिल्ली, 29 अगस्त . महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को हुए नुकसान की जांच एक विशेष जांच समिति द्वारा की जाएगी. इसके लिए भारतीय नौसेना की अध्यक्षता में संयुक्त समिति गठित की जा रही है. यह घटना महाराष्ट्र स्थित सिंधुदुर्ग के राजकोट किले में हुई थी.

क्षेत्र में असाधारण मौसम की स्थिति के बाद राजकोट किले में स्थापित छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को दुर्भाग्यपूर्ण क्षति हुई थी.

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इस मामले की जांच के लिए महाराष्ट्र सरकार के प्रतिनिधियों और तकनीकी विशेषज्ञों के साथ भारतीय नौसेना की अध्यक्षता में एक संयुक्त तकनीकी समिति का गठन किया जा रहा है.

गौरतलब है कि शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण 4 दिसंबर 2023 को सिंधुदुर्ग में पहली बार आयोजित नौसेना दिवस समारोह के हिस्से के रूप में किया गया था. इसका उद्देश्य समुद्री रक्षा और सुरक्षा के प्रति मराठा नौसेना और छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत का आदर करना था. साथ ही इसका उद्देश्य आधुनिक भारतीय नौसेना के साथ इसके ऐतिहासिक जुड़ाव का सम्मान करना भी था.

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इस परियोजना की संकल्पना और संचालन भारतीय नौसेना द्वारा राज्य सरकार के समन्वय से किया गया था. राज्य सरकार की ओर से इसके लिए धन भी उपलब्ध कराया था.

भारतीय नौसेना का कहना है कि वह जल्द से जल्द प्रतिमा की मरम्मत और फिर से उसे स्थापित करने के सभी उपायों में सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध है.

सिंधुदुर्ग के राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को हुए दुर्भाग्यपूर्ण नुकसान पर भारतीय नौसेना ने इससे पहले बकायदा एक बयान जारी किया था. जिसमें नौसेना ने छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को हुई क्षति पर गहरी चिंता व्यक्त की थी.

शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण सिंधुदुर्ग के नागरिकों के प्रति समर्पण के रूप में नौसेना दिवस पर किया गया था. नौसेना ने इस दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना के कारण की तुरंत जांच करने और जल्द से जल्द मूर्ति की मरम्मत और पुन स्थापित करने के लिए कदम उठाने के लिए एक टीम की प्रतिनियुक्ति भी की है.

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