पाकिस्तान को सीजफायर के लिए मजबूर करने में नौसेना की भी रही अहम भूमिका

नई दिल्ली, 11 मई . पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में भारतीय पर्यटकों पर एक कायराना हमला किया. इस हमले के तुरंत बाद नौसेना ने अपनी ताकत और रणनीतिक क्षमता का प्रदर्शन करते हुए अरब सागर में पाकिस्तान पर लगातार दबाव बनाए रखा. नौसेना के प्रवक्ता ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में बताया कि पड़ोसी देश को सीजफायर के लिए मजबूर करने में इसकी भी महत्वपूर्ण भूमिका रही.

नौसेना के प्रवक्ता ने एक्स पर लिखा, “22 अप्रैल 2025 को पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों द्वारा पहलगाम में निर्दोष भारतीय पर्यटकों पर कायरतापूर्ण हमले के बाद, भारतीय नौसेना के कैरियर बैटल ग्रुप, सर्फेस फोर्सेज, पनडुब्बियों और विमानन परिसंपत्तियों को भारतीय रक्षा बलों की संयुक्त परिचालन योजना के अनुरूप, पूरी युद्ध तत्परता के साथ तुरंत समुद्र में तैनात किया गया था. आतंकवादी हमले के 96 घंटे के भीतर भारतीय नौसेना ने अरब सागर में कई हथियारों की फायरिंग के दौरान समुद्र में रणनीति और प्रक्रियाओं का परीक्षण और परिशोधन किया, जिससे चालक दल, आयुध, उपकरण और प्लेटफॉर्म की तत्परता को फिर से सत्यापित किया जा सके, ताकि चयनित लक्ष्यों पर सटीक रूप से विभिन्न आयुध पहुंचाया जा सके.”

पोस्ट में कहा गया है कि नौसेना समुद्र और जमीन पर चुनिंदा लक्ष्यों पर हमला करने के लिए पूरी तत्परता और क्षमता के साथ एक निवारक मुद्रा में उत्तरी अरब सागर में आगे तैनात रही, जिससे पाकिस्तानी नौसेना और वायु इकाइयों को बंदरगाहों के अंदर या उनके तट के बहुत करीब रक्षात्मक मुद्रा में रहने के लिए मजबूर होना पड़ा. तनाव नियंत्रण तंत्र के एक भाग के रूप में, नौसेना द्वारा बल प्रयोग की योजना थल सेना और वायु सेना के साथ समन्वय में बनाई गई थी.

नौसेना प्रवक्ता ने लिखा, “सेना और वायु सेना द्वारा की गई गतिशील कार्रवाइयों के साथ-साथ, समुद्र में भारतीय नौसेना की जबरदस्त परिचालन क्षमता ने कल (शनिवार को) पाकिस्तान द्वारा युद्ध विराम के लिए तत्काल अनुरोध करने में योगदान दिया. भारतीय नौसेना समुद्र में विश्वसनीय निवारक मुद्रा में तैनात है, ताकि पाकिस्तान या पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों द्वारा किसी भी शत्रुतापूर्ण कार्रवाई का निर्णायक रूप से जवाब दिया जा सके.”

पीएसके/एकेजे