देश कोयले में पूरी तरह आत्मनिर्भर, भविष्य में आयात की आवश्यकता नहीं : नवीन जिंदल

नई दिल्ली, 27 मार्च . जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड के अध्यक्ष तथा भाजपा के लोकसभा सांसद नवीन जिंदल ने गुरुवार को कहा कि उनकी कंपनी ने इस वर्ष 2.1 करोड़ टन कोयला उत्पादन किया है और अगले वित्त वर्ष में उसका लक्ष्य तीन करोड़ टन का है. इस महत्वपूर्ण कदम से यह स्पष्ट होता है कि भारत अब कोयला उत्पादन में पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो चुका है और भविष्य में बाहरी देशों से कोयला आयात करने की आवश्यकता नहीं रहेगी.

नवीन जिंदल ने इस सफलता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में कोल सेक्टर में किए गए सुधारों से देश को बड़ा लाभ हुआ है. अब भारत अपनी कोयला जरूरतों को घरेलू स्तर पर पूरा कर सकता है. उन्होंने कोल ब्लॉक के निजीकरण के महत्व को भी रेखांकित किया, जिससे देश में कोयला उत्पादन बढ़ने के साथ-साथ राज्यों को राजस्व का भी फायदा हो रहा है.

जिंदल ने यह भी सुझाव दिया कि कोयला खनन के दौरान निकाली जाने वाली मिट्टी को सही तरीके से संग्रहित किया जाए. उनके मुताबिक, यदि खनन क्षेत्र में पहले से बड़े गड्ढे हों, तो इस मिट्टी को इन गड्डों में भरकर पुनः उपयोग किया जा सकता है, जिससे पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और नए क्षेत्रों में खनन के लिए भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. इस सुझाव का स्वागत करते हुए कोयला मंत्रालय इस पर काम कर रहा है.

इस दौरान कोयला और खनन मंत्री जी. किशन रेड्डी ने बताया कि भारत सरकार ने ‘वर्ल्ड फेस टू वर्ल्ड स्ट्रैंथ कोल ऑक्शन’ का सफलतापूर्वक आयोजन किया है. अब तक 11 चरणों में 125 कोल ब्लॉक्स का ऑक्शन किया जा चुका है, जिसमें 28 नए ब्लॉक्स का ऑक्शन हाल ही में हुआ. रेड्डी ने कहा कि यह कदम प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में कोयला सेक्टर में पारदर्शिता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

उन्होंने यह भी बताया कि भारत अब दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा कोयला रिजर्व धारक देश है और चीन को छोड़कर भारत कोयला उत्पादन में नंबर एक पर है. छत्तीसगढ़ में स्थित दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कोयला खदान की जानकारी देते हुए रेड्डी ने कहा कि भारत के थर्मल पावर जेनरेशन का 75 प्रतिशत हिस्सा कोयला आधारित है, तथा आने वाले दिनों में कोयला उत्पादन में और वृद्धि होने की संभावना है.

इस दौरान रेड्डी ने कोल इंडिया द्वारा श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि कोयला खदानों में सुरक्षा से संबंधित घटनाओं में काफी कमी आई है तथा भविष्य में इसे और भी बेहतर बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है.

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