सोलन में राष्ट्रीय मशरूम अनुसंधान केंद्र किसानों की आय बढ़ाने के लिए कर रहा प्रयास, उप निदेशक ने बताए फायदे

सोलन, 27 फरवरी . हिमाचल प्रदेश के सोलन में राष्ट्रीय मशरूम अनुसंधान केंद्र किसानों की आय बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयासरत है. संस्थान के उपनिदेशक विपिन शर्मा ने कहा कि मशरूम की खेती किसानों के लिए “प्रकृति का वरदान” है, क्योंकि यह न केवल मौसम की मार से मुक्त है, बल्कि पारंपरिक फसलों के मुकाबले कम संसाधनों में अधिक मुनाफा देती है.

शर्मा ने बताया कि इस केंद्र का मुख्य उद्देश्य किसानों को मशरूम उत्पादन की आधुनिक तकनीक, बीज उपलब्ध कराने और बाजार से जोड़ने में मदद करना है.

विपिन शर्मा के अनुसार, मशरूम की खेती में न तो जंगली जानवरों का खतरा है और न ही बारिश या सूखे का असर. यह फसल 12 महीने उगाई जा सकती है, और सबसे बड़ी बात यह है कि इसके अवशेषों का उपयोग खाद या अन्य उत्पादों में किया जा सकता है, जबकि गेहूं-धान जैसी फसलों के अवशेष अक्सर जलाए जाते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि किसान अगर पारंपरिक खेती के साथ-साथ मशरूम की खेती भी करते हैं, तो उनका लाभ दोगुना हो सकता है.

उन्होंने कहा, “मशरूम की खेती के लिए बहुत कम जमीन और पानी की आवश्यकता होती है. मशरूम की खेती में जो अवशेष बचते हैं, उन्हें खेतों के लिए खाद में बदला जा सकता है या पशुओं के चारे के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. इस तरह, मशरूम की खेती से कोई भी अवशेष बेकार नहीं जाता.”

उन्होंने यह भी कहा कि मशरूम एक इनडोर फसल है, जिसे कमरे के अंदर उगाया जा सकता है. इससे बाहर के मौसम का कोई असर नहीं होता, जैसे कि बंदरों द्वारा फसल को नुकसान पहुंचाना.

विपिन शर्मा ने बताया कि पिछले दस वर्षों में मशरूम उत्पादन में कई बदलाव आए हैं. उन्होंने बताया कि पहले हमारे देश में सिर्फ बटन मशरूम की खेती होती थी, लेकिन अब हमारे देश में लगभग 15 प्रकार के मशरूम की खेती हो रही है. इसके साथ ही, कुंभ अनुसंधान केंद्र ने 6 प्रकार के मशरूम की प्रजातियां विकसित की हैं, जिन्हें विभिन्न तापमान पर उगाया जा सकता है. इस तरह, अब किसान पूरे साल भर मशरूम की खेती कर सकते हैं, और उनकी आय में तेजी से वृद्धि हो सकती है.

केंद्र ने पिछले दस वर्षों में मशरूम के उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि की है और आज देश में लगभग साढ़े तीन लाख टन मशरूम का उत्पादन हो रहा है, जो पहले एक लाख टन था. इस शोध और प्रयासों के कारण, अब किसान बटन मशरूम के अलावा ढींगरी मशरूम जैसी अन्य फसलों की खेती भी कर रहे हैं, जो आसानी से उगाई जा सकती है.

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