राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सूर्या हांसदा एनकाउंटर पर लिया संज्ञान, गोड्डा के डीसी-एसपी से चार हफ्ते में मांगी रिपोर्ट

रांची, 3 सितंबर . राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने झारखंड के गोड्डा जिले में सामाजिक-राजनीतिक तौर पर सक्रिय सूर्या हांसदा के कथित पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने की घटना पर संज्ञान लिया है. आयोग ने गोड्डा के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक से चार हफ्ते के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.

इस मामले में आयोग के समक्ष आजसू पार्टी की ओर से शिकायत दर्ज कराई गई थी. आयोग के अनुसार शिकायत में लगाए गए आरोपों का प्रथम दृष्टया मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन होने का संकेत मिलता है. आयोग ने गोड्डा के डीसी और एसपी को 2 सितंबर को नोटिस जारी कर कार्रवाई रिपोर्ट 30 दिनों के भीतर प्रस्तुत करने का आदेश दिया है.

आयोग ने विशेष जांच दल गठित करने के निर्देश भी दिए हैं. नोटिस में गोड्डा पुलिस से स्पष्टीकरण मांगा गया है कि आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार मुठभेड़ की जानकारी निर्धारित समय में क्यों नहीं दी गई. सूर्या हांसदा को गोड्डा जिले की पुलिस ने 10 अगस्त को देवघर जिले में उनके घर से उठाया और 11 अगस्त को बोआरीजोर थाना क्षेत्र स्थित ललमटिया धमनी पहाड़ में उनके एनकाउंटर में मारे जाने का दावा किया.

उनके परिजनों के अनुसार, सूर्या बीमार थे और इलाज कराकर लौटे थे, लेकिन गिरफ्तारी के बाद उनका न मेडिकल परीक्षण हुआ और न ही कोर्ट में पेशी. सूर्या हांसदा का राजनीतिक करियर विभिन्न पार्टियों से जुड़ा रहा. उन्होंने पहली बार 2009 में झारखंड विकास मोर्चा से चुनाव लड़ा. 2014 में भी इसी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरे. 2019 में भाजपा से चुनाव लड़ा, लेकिन दूसरे स्थान पर रहे. 2024 में भाजपा से टिकट न मिलने पर उन्होंने जेएलकेएम (झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा) से चुनाव लड़ा, लेकिन किसी भी चुनाव में जीत नहीं हासिल कर पाए.

हाल ही में सूर्या हांसदा के खिलाफ साहिबगंज के मिर्जाचौकी थाना और गोड्डा के ललमटिया थाना में कई गंभीर अपराधों में First Information Report दर्ज की गई थी. उनके कथित एनकाउंटर के बाद स्थानीय लोग और परिवार के सदस्य निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं.

एसएनसी/एएस