नई दिल्ली, 5 जुलाई . अभिनेत्री-फिल्म निर्माता और राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता नंदिता दास ‘मदर्स अगेंस्ट वेपिंग’ अभियान से जुड़ गई हैं. यह भारतीय बच्चों और युवाओं के बीच ई-सिगरेट, वेप्स, इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन डिलीवरी सिस्टम, हीट-नॉट-बर्न उत्पाद, ई-हुक्का और इसी तरह के अन्य उपकरणों जैसे नए युग के तंबाकू उपकरणों के प्रचार का विरोध करने वाली चिंतित माताओं का एक संयुक्त मोर्चा है.
नंदिता दास, बाइचुंग भूटिया, दीपा मलिक, दुती चंद, नेहा धूपिया, खुशबू सुंदर और किश्वर देसाई जैसी प्रभावशाली रोल मॉडल इस समूह में शामिल हो गई हैं. जो बच्चों और युवाओं में वेपिंग के बढ़ते खतरे के खिलाफ ‘मदर्स अगेंस्ट वेपिंग’ के अभियान का समर्थन करेंगी.
बच्चों और युवाओं में वेपिंग की समस्या से निपटने के लिए नंदिता अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी. यह अभियान इस स्वास्थ्य संकट को संबोधित करने और नए युग के तंबाकू उपकरणों के उपयोग के खिलाफ सुरक्षात्मक उपायों करने की आवश्यकता पर जोर देगा.
‘मदर्स अगेंस्ट वेपिंग’ के अभियान से जुड़ने पर नंदिता दास ने कहा, ”हमारे बच्चों और युवाओं में आधुनिक नए जमाने के तम्बाकू उपकरणों का बढ़ता प्रचलन हम सभी के लिए गहरी चिंता का विषय होना चाहिए. एक किशोर की मां होने के नाते मैं सभी बच्चों को लेकर बेहद चिंतित हूं और आशा करती हूं कि वे इस तरह की हानिकारक लत के शिकार न हों. हमें इस ओर व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से ध्यान देने की जरूरत है. मैं ई-सिगरेट, वेप्स और हीट-नॉट-बर्न उत्पादों जैसे उपकरणों के प्रचार का मुकाबला करने के उनके प्रयासों में ‘मदर्स अगेंस्ट वेपिंग’ का पूरे दिल से समर्थन करती हूं.”
नंदिता ने कहा, ”आजकल के बच्चे बेहद समझदार हैं. उन्हें बाहर से कई तरह की बहुत सारी जानकारियां मिलती रहती है. इसलिए हमें उन्हें तार्किक रूप से ऐसे उपकरणों के खतरों के बारे में समझाना चाहिए जो उन्हेंं आकर्षक या ‘कूल’ लग सकते हैं. अगर हम उनके साथ बेहतर तरीके से पेश आएंगे तो वह हमारे तर्क को समझ सकते हैं. ऐसी उम्र में साथियों के दबाव से बचना मुश्किल है इसलिए हमें उनका आत्मविश्वास बढ़ाने का काम करेंगे. आइए हम उन्हें स्वस्थ निर्णय लेने में सहायता करें.”
नंदिता ने मिशन में शामिल होने के अवसर पर ऐसे बच्चों और किशोरों के लिए एक नए खतरे पर भी बात की. उन्होंने कहा कि इन बच्चों के अब यूरेनियम और सीसे के संपर्क में आने का जोखिम बढ़ गया है. इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट, वेपिंग डिवाइस और अन्य हीट नॉट बर्न डिवाइस जैसे नए युग के तंबाकू उपकरणों के संपर्क में आने से बच्चों और किशोरों के मस्तिष्क को नुकसान पहुंच सकता है और उसके विकास पर असर पड़ सकता है.
टोबैको कंट्रोल जर्नल में प्रकाशित एक हालिया शोध का हवाला देते हुए वेपिंग को यूरेनियम और सीसे के बढ़े हुए स्तर से जोड़ने वाले निष्कर्षों पर प्रकाश डाला. शोध में यूरेनियम कैडमियम और सीसे की मौजूदगी का पता लगाने के लिए इसे लेने वालों के मूत्र के नमूनों की जांच की गई.
शोध में मीठे स्वाद वाली श्रेणियों का उपयोग करने वाले वेपर्स में यूरेनियम के स्तर में वृद्धि देखने को मिली. रिपोर्ट में पाया गया कि फल, चॉकलेट या मिठाई जैसे मीठे स्वाद वाले वेपर्स में यूरेनियम का स्तर 90 प्रतिशत अधिक था.”
ऐसे कई सबूत हैं जो दावा करते है कि नए जमाने के तम्बाकू उपकरणों के उपयोग का बच्चों और वयस्कों दोनों पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है. पारंपरिक सिगरेट के विपरीत ये डिवाइस लंबे समय तक इस्तेमाल की अनुमति देते हैं. इन डिवाइस के ई-लिक्विड में पाए जाने वाले अतिसूक्ष्म कण और रसायन लेने वालों के लिए जोखिम भरे होते हैं.
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एमकेएस/ केआर