राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार: कलाकारों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के प्रति जताया आभार, कहा- सम्मान का क्षण अविस्मरणीय

New Delhi, 23 सितंबर . 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह का आयोजन Tuesday को New Delhi के विज्ञान भवन में किया गया. President द्रौपदी मुर्मू की ओर से मोहनलाल, शाहरुख खान, रानी मुखर्जी, करण जौहर सहित कई अन्य कलाकारों को फिल्मों में उनके शानदार प्रदर्शन के लिए यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किया गया.

President द्रौपदी मुर्मू से 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्राप्त करने पर फिल्म निर्माता सौम्यजीत घोष दस्तीदार ने कहा, “घोषणा के बाद से ही यह मेरे लिए बहुत बड़ा आश्चर्य रहा है. मुझे याद है कि इस फिल्म की खोज कैसे हुई. एक छात्र फिल्म को ऐसा पुरस्कार मिलना न सिर्फ़ मेरे लिए, बल्कि उन अन्य छात्रों के लिए भी बहुत मायने रखता है जो फ़िल्म निर्माण को अपना करियर बनाना चाहते हैं. एफटीआई ने हमें सचमुच एक शानदार मंच प्रदान किया है.”

फ़ोटोग्राफ़ी निर्देशक प्रशांतु महापात्रा ने कहा, “मैं अब उस उम्र में पहुंच गया हूं, इसलिए चाहे मैं काम करूं या न करूं, यह लगभग रिटायरमेंट जैसा है. मुझे इस बात की चिंता नहीं है कि मुझे फिल्मों में काम मिलना बंद हो जाएगा या ज्यादा काम मिलने लगेगा. मैं इन सब बातों को लेकर तनाव में नहीं रहता. मैं खुद को एक फिल्म पेशेवर मानता हूं.”

फिल्म निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा ने कहा कि मुझे फिल्म को मिले पुरस्कार की बेहद खुशी है, लेकिन उससे भी ज्यादा मैं फिल्म द्वारा दिए गए संदेश और भावनाओं की दिल से सराहना करता हूं. हम शायद सही रास्ते पर हैं.

लेखक अनुराग पाठक ने कहा कि 12वीं फेल को सर्वश्रेष्ठ फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला. मुझे इस पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए मैं India Government का बहुत आभारी हूं. फिल्म को दर्शकों ने खूब सराहा. मुझे उम्मीद नहीं थी कि किताब को इतनी सफलता मिलेगी, और मैं विधु विनोद चोपड़ा का शुक्रिया अदा करता हूं कि उन्होंने इसे एक ऐसी फिल्म में बदल दिया, जिसने अब राष्ट्रीय पुरस्कार जीता है.

कास्टिंग डायरेक्टर हनी त्रेहान ने कहा कि हमने सर्वश्रेष्ठ मलयालम फिल्म का पुरस्कार जीता है और यह एक बहुत ही प्रतिष्ठित सम्मान है. हम सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के आभारी हैं.

पटकथा लेखक दीपक किंगरानी ने कहा कि हमारे राज्य में भी बहुत प्रतिभा है और हर राज्य की अपनी अनूठी कहानियां हैं, जिन्हें प्रदर्शित किया जाना चाहिए. आमतौर पर चर्चा Bollywood और बॉम्बे में बनी फिल्मों के बारे में होती है, लेकिन हर राज्य की अलग-अलग कहानियां हैं और हर राज्य के लोग फिल्में बना रहे हैं. हर राज्य की अपनी कहानियां और प्रतिभाशाली फिल्म निर्माता हैं.

फिल्म संपादक नीलाद्रि रॉय ने कहा कि मुझे अपनी डॉक्यूमेंट्री मूविंग फ़ोकस के लिए गैर-फ़ीचर श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ संपादन का पुरस्कार मिला. यह राष्ट्रीय स्तर के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक है, इसलिए यह वाकई बहुत अच्छा और सम्मानजनक लगता है.

फिल्म निर्देशक पीयूष ठाकुर ने कहा कि मुझे अपनी लघु फिल्म ‘डैफर्स फिल्म’ के लिए गैर-फीचर श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ निर्देशन का पुरस्कार मिला. मेरी फिल्म ने कुल दो पुरस्कार जीते. सर्वश्रेष्ठ निर्देशन और सर्वश्रेष्ठ संगीत. ‘डैफर्स फिल्म’ 1960 के दशक के India की एक काल्पनिक कहानी कहती है, एक 14 साल की लड़की के बारे में जो उस समय अपनी पहली फिल्म देखने जाती है जब लड़कियों को फिल्में देखने की अनुमति नहीं थी.

भारतीय फिल्म निर्देशक और लेखक कामाख्या नारायण सिंह ने कहा कि यह एक सपना सच होने जैसा है. यह मेरा दूसरा राष्ट्रीय पुरस्कार है.

फिल्म निर्देशक आदित्य ग्रोवर ने कहा कि सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार जीतना हमारे लिए एक अद्भुत एहसास है.

Actress जानकी बोदीवाला ने कहा, “मैं Government की बहुत आभारी हूं, जिनकी बदौलत मैं आज इस मुकाम तक पहुंच पाई हूं. मैं निर्देशक की भी आभारी हूं, जिन्होंने यह फिल्म बनाई, जिनकी वजह से मुझे इतना जबरदस्त समर्थन मिला.

President द्रौपदी मुर्मू से 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्राप्त करने पर बाल कलाकार त्रिशा विवेक थोशर ने कहा कि यह वास्तव में बहुत अच्छा लग रहा है कि President द्रौपदी मुर्मू ने पुरस्कार प्रदान किया.

बाल कलाकार श्रीनिवास पोकाले ने कहा कि मुझे मराठी फिल्म नर 2 के लिए सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार का पुरस्कार मिला. यह मेरा दूसरा राष्ट्रीय पुरस्कार है. मुझे पहली फिल्म नर 1 के लिए भी सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था. मैं थोड़ा घबराया हुआ था, लेकिन वहां जाते ही मेरा सारा डर गायब हो गया और उनसे पुरस्कार पाकर बहुत अच्छा लगा.

बाल कलाकार भार्गव रत्नकांत जगताप ने कहा कि मैं अपना पहला राष्ट्रीय पुरस्कार जीतकर बहुत खुश हूं.

एकेएस/डीएससी