New Delhi, 13 सितंबर . ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के पहले चरण की अपार सफलता के बाद केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत होने जा रही है.
पिछली बार खरीफ फसल के लिए अभियान शुरू हुआ था और अब रबी फसल को लेकर देशभर के कृषि वैज्ञानिक इस अभियान के जरिए गांव-गांव जाकर किसानों से मिलेंगे, आवश्यक जानकारी देंगे, उनकी समस्याएं सुनेंगे और Prime Minister Narendra Modi के ‘लैब टू लैंड’ मंत्र को साकार करने में भूमिका निभाएंगे. इसी क्रम में 15 सितंबर से दो दिवसीय ‘राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन-रबी अभियान 2025’ पूसा, New Delhi में आयोजित हो रहा है.
रबी फसलों के लिए दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन देशभर के कृषि विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों, नीति-निर्धारकों एवं State government ों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों के लिए एक साझा मंच प्रदान करेगा, जहां रबी 2025-26 की बुवाई सीजन से संबंधित तैयारियों, उत्पादन लक्ष्यों और रणनीतियों पर गहन चर्चा होगी. सम्मेलन की अध्यक्षता केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे. इस अवसर पर अनेक राज्यों के कृषि मंत्री, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण सचिव, आईसीएआर के महानिदेशक सहित अन्य संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों तथा राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे.
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह के निर्देश पर पहली बार रबी सम्मेलन दो दिन का हो रहा है, जिसमें कृषि से संबंधित चुनौतियों तथा रबी मौसम की फसलों के लिए किसानों को लाभ पहुंचाने की दृष्टि से विभिन्न प्रकार के विषयों पर चर्चा की जाएगी.
पहले दिन केंद्र एवं राज्यों के अधिकारियों के बीच महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की जाएगी. 16 सितंबर को सभी राज्यों के कृषि मंत्री एवं केंद्रीय कृषि मंत्री व राज्य मंत्री विस्तृत चर्चा करेंगे, जिसमें नवीनतम तकनीक एवं बीजों को किसानों तक किस तरह प्रभावी तरीके से पहुंचाया जाए, इसके लिए गहन चिंतन एवं समीक्षा की जाएगी. इसमें सभी राज्यों के पदाधिकारी अपनी टीम के साथ भाग लेंगे, पहली बार इसमें कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों को भी आमंत्रित किया गया है, जो क्षेत्रीय अनुभव एवं चुनौतियों को साझा करेंगे तथा आगे की रणनीति तय करेंगे.
सम्मेलन में विभिन्न राज्यों की सफलताओं और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा किया जाएगा, ताकि उन्हें अन्य राज्यों में भी लागू किया जा सके. साथ ही, मौसम पूर्वानुमान, उर्वरक प्रबंधन, कृषि अनुसंधान और तकनीकी हस्तक्षेप से जुड़े विषयों पर भी विशेषज्ञ अपने विचार प्रस्तुत करेंगे.
यह सम्मेलन न सिर्फ रबी 2025-26 सीजन की कार्ययोजना और उत्पादन रणनीति को दिशा देगा, बल्कि यह किसानों की आय वृद्धि, टिकाऊ कृषि प्रणाली और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा.
केंद्र सरकार लगातार किसानों की समृद्धि के लिए कदम उठा रही है. किसान भाई-बहनों की आमदनी में इजाफा हो इसके लिए सरकार प्रतिबद्ध है.
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने Prime Minister के ‘लैब टू लैंड’ के विजन को लेकर ही खरीफ फसल के लिए ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की शुरुआत की थी, जिसमें 29 मई से 12 जून तक विभिन्न राज्यों का दौरा करते हुए उन्होंने स्वयं किसानों से सीधा संवाद कर उनकी समस्याओं के समाधान का प्रयास किया था. पहले चरण में वैज्ञानिकों की 2,170 टीमें गांव-गांव गईं, जहां किसानों ने उत्साह के साथ वैज्ञानिकों से संवाद करते हुए खेती से जुड़ी आवश्यक जानकारी प्राप्त की. Prime Minister Narendra Modi ने भी अभियान की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए अभियान को ऐतिहासिक कदम बताया.
पिछली बार की तरह ही इस बार भी देश के किसान भाई-बहन अभियान को लेकर बेहद उत्साहित और आशान्वित हैं. उम्मीद की जा रही है कि पिछली बार की तरह ही इस बार भी यह अभियान सैद्धांतिक नहीं बल्कि व्यावहारिक उद्देश्यों को सिद्ध करते हुए बड़ी संख्या में किसानों तक पहुंच सुनिश्चित करेगा और खेती को नई दिशा देगा.
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डीकेपी/