नई दिल्ली, 21 दिसंबर . बिहार के राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर के स्वतंत्रता आंदोलन में तथाकथित बंदूक की भूमिका के जिक्र पर सियासी घमासान तेज हो गया है. कांग्रेस से राज्यसभा सांसद नासिर हसन ने कहा, इतिहास को बदला नहीं जा सकता.
कांग्रेस सांसद नासिर हसन ने कहा, “सत्याग्रह, गांधी की विचारधारा, गांधी और आजादी के तौर तरीकों की पूरी दुनिया में प्रशंसा हुई. पूरी दुनिया में इसको लेकर बात होती है, इस पर रिसर्च होता है. नेल्सन मंडेला से लेकर मार्टिन लूथर किंग समेत दुनिया के बड़े-बड़े नेताओं ने उनकी प्रशंसा की है.”
कांग्रेस सांसद ने तंज कसते हुए कहा, “आजादी के समय वो लोग इस विचारों के साथ नहीं थे. वो माफीनामा लिख रहे थे, पेंशन खा रहे थे. ऐसे में वो आजादी के आंदोलन, गांधी, नेहरू और अंबेडकर को डिस क्रेडिट करना चाहते हैं. इसलिए वो ऐसा करने की कोशिश कर रहे हैं. सत्याग्रह, गांधी जी और कांग्रेस के लड़ने के तौर-तरीके इतिहास के पन्नों में दर्ज हो चुके हैं. अब वो कुछ भी बोलें, उसको बदला नहीं जा सकता.
इससे पहले बिहार के राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर ने एक कार्यक्रम में कहा था, “स्वतंत्रता आंदोलन बिना खड्ग-ढाल के नहीं था. अनेक लोगों ने जब हाथ में हथियार में उठाए, तब जाकर अंग्रेजों को सोचना पड़ा कि यहां पर रहना है या नहीं? जब अंग्रेजों ने देखा, इन लोगों के हाथ में बंदूक और हथियार है और अपनी मातृभूमि को स्वतंत्र कराने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं, तब उन्होंने भारत को छोड़ने पर विचार-विमर्श करना शुरू किया.”
आर्लेकर के इस बयान के बाद कांग्रेस के नेता उन पर हमलावर हैं. कांग्रेस नेताओं ने का कहना है कि किसी संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए.
–आईएनएस
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