विजयवाड़ा, 10 सितम्बर . आंध्र प्रदेश के शिक्षा मंत्री नारा लोकेश ने मंगलवार को आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने कृष्णा नदी पर प्रकाशम बैराज को नुकसान पहुंचाकर लाखों लोगों को मारने की “साजिश” रची थी.
लोकेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया कि प्रकाशम बैराज पर लोहे की नावों से हमला करके विजयवाड़ा और लंका के दर्जनों गांवों को खत्म करने की जगन की “साजिश” का “पर्दाफाश” हो गया है.
उन्होंने आरोप लगाया कि साजिश यह थी कि लाखों लोग पानी में समा जाएं.
लोकेश ने लिखा, “साइको जगन ने नावों के जरिए प्रकाशम बैराज को ध्वस्त करने की साजिश रची, वाईसीपी एमएलसी तलसिला रघुराम और पूर्व वाईसीपी सांसद नंदीगाम सुरेश ने इस योजना को अंजाम दिया.”
उन्होंने यह भी दावा किया कि सत्ता में रहते हुए जगन ने अपने रेत माफिया के लिए अन्नामय्या बांध को बहा दिया, जिससे 50 लोगों की मौत हो गई और पांच गांव मिट गए.
मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के बेटे लोकेश ने आरोप लगाया कि जगन ने इसी तरीके से प्रकाशम बैराज षड्यंत्र रचा था.
उन्होंने कहा, “साइको जगन गिरोह बाढ़ के लिए सरकार को दोषी ठहराते हुए नकारात्मक प्रचार कर रहे हैं ताकि उनकी साजिशों का पर्दाफाश न हो.”
विजयवाड़ा पुलिस ने बाढ़ के दौरान एक सितंबर को प्रकाशम बैराज में पांच नौकाओं के टकराने की घटना के सिलसिले में सोमवार को दो लोगों को गिरफ्तार किया था.
अधिकारियों ने दावा किया कि एक नाव गेट के बीच में डूब गई, तथा तीन अन्य बैराज गेट पर फंस गई, जबकि पांचवीं नाव का पता लगाने के प्रयास जारी हैं.
तीन नावों में से एक ने गेट के काउंटरवेट को क्षतिग्रस्त कर दिया तथा कोई भी मुख्य संरचना से नहीं टकराई.
पुलिस ने तीन नावों के मालिक उषाद्री और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेता कोमाती राममोहन को गिरफ्तार कर लिया.
दोनों को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
राज्य के जल संसाधन मंत्री निम्माला रामानायडू ने आरोप लगाया कि घटना के पीछे कोई साजिश है.
उन्होंने कहा कि इस संदेह की जांच चल रही है कि क्या बैराज को नुकसान पहुंचाने के लिए जानबूझकर नावों को नदी में छोड़ा गया था.
उन्होंने दावा किया कि वाईएसआरसीपी नेता नंदीगाम सुरेश और अन्य ने कृष्णा नदी में ड्रेजिंग के लिए एक “सिंडिकेट” बनाया है.
उन्होंने कहा, “यह कल्पना करना भी असम्भव है कि यदि ये सभी नाव बैराज की मुख्य संरचना से टकरा जाती तो कितना नुकसान होता.”
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एकेएस/जीकेटी