पटना 2 अगस्त . पटना में राष्ट्रीय अंग दान दिवस के पूर्व बिहार विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने अपनी मृत्यु के बाद नेत्र दान करने का संकल्प लिया.
कार्यक्रम के बाद उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का आयोजन दधीचि नेत्र दान समिति द्वारा किया गया, जो नेत्रदान और अंगदान के प्रति जागरूकता फैलाने का कार्य करती है.
नंदकिशोर यादव ने अपने संबोधन में आगे कहा, “बड़े पैमाने पर लोग अंधेपन का शिकार हो रहे हैं, लेकिन नेत्रदान करने वाले लोगों की संख्या कम है. शरीर जब समाप्त हो जाता है तो वह किसी काम का नहीं रह जाता. अपनी मृत्यु के बाद भी व्यक्ति समाज के लिए कुछ कर सके, ऐसी परिपाटी हमारे राज्य में रही है. दधीचि नेत्र दान समिति ने इसका प्रचार प्रसार करके बड़ा ही नेक काम किया है.”
उन्होंने आगे कहा, “मुझे भी लगता था कि समाज ने इतना कुछ मेरे लिए किया है, मुझे भी समाज के लिए कुछ करके जाना चाहिए, इसीलिए मैंने अपने परिवार की सहमति से नेत्रदान करने का निर्णय लिया है. मेरी मृत्यु के बाद मेरी आंखों की ज्योति से किसी व्यक्ति को रोशनी मिल सके, इससे मुझे बड़ी ही सुखद अनुभूति होगी.”
समाजसेवियों ने भी इस कार्यक्रम में भाग लेकर अंगदान और नेत्रदान के महत्व को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि इस प्रकार के निर्णय समाज में बदलाव लाने और लोगों को जागरूक करने में सहायक होते हैं.
दधीचि नेत्र दान समिति के अध्यक्ष ने इस अवसर पर नंदकिशोर यादव के निर्णय का स्वागत किया और कहा कि इस प्रकार के कदम समाज में नई उम्मीद और प्रेरणा का संचार करते हैं. उन्होंने लोगों से अधिक से अधिक संख्या में अंगदान और नेत्रदान करने की अपील की.
यह कार्यक्रम न केवल एक महत्वपूर्ण सामाजिक संदेश देने में सफल रहा, बल्कि इसने लोगों को अंगदान और नेत्रदान के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझने के लिए प्रेरित भी किया. नंदकिशोर यादव का यह निर्णय निश्चित रूप से समाज के लिए एक मिसाल बनेगा और इससे कई लोगों की जिंदगी में रोशनी और खुशी आएगी.
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पीएसएम/जीकेटी