राजनीति और साहित्य में नारी शक्ति की मिसाल नंदिनी सत्पथी, सीएम पद का तय किया सफर

New Delhi, 4 अगस्त . ओडिशा (पहले उड़ीसा भी) की आयरन लेडी और साहित्य की सशक्त आवाज नंदिनी सत्पथी भारतीय राजनीति और साहित्य के क्षेत्र में एक प्रेरणादायी नाम हैं. वह न केवल राज्य की पहली महिला Chief Minister थीं, बल्कि एक लेखिका भी थी. उन्होंने अपनी लेखनी से उड़िया साहित्य को समृद्ध किया. उनकी जिंदगी साहस, संघर्ष और समाज सेवा का अनूठा संगम थी.

कटक के पीथापुर में 9 जून 1931 को जन्मी नंदिनी सत्पथी कालिंदी चरण पाणिग्रही की सबसे बड़ी बेटी थी. उनके चाचा भगवती चरण पाणिग्रही ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की राज्य शाखा की स्थापना की थी. मात्र आठ वर्ष की उम्र में नंदिनी सत्पथी ने ब्रिटिश राज के खिलाफ साहस दिखाया, जब उन्होंने कटक की दीवारों पर आजादी के नारे लिखे और यूनियन जैक को उतार फेंका.

इस साहस के लिए उन्हें ब्रिटिश पुलिस की बर्बरता का सामना करना पड़ा पर उनका हौसला अडिग रहा.

1962 में नंदिनी राज्य में कांग्रेस पार्टी की प्रमुख नेता के रूप में उभरीं. भारतीय संसद में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए चले आंदोलन के तहत उन्हें राज्यसभा के लिए चुना गया.

1966 में इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री बनने के बाद नंदिनी सत्पथी सूचना और प्रसारण मंत्रालय में मंत्री बनीं. 1972 में बीजू पटनायक के कांग्रेस छोड़ने के बाद वह वापस लौटीं और जून 1972 से दिसंबर 1976 तक Chief Minister रहीं. वह दो बार Chief Minister पद की शपथ लेने वाली पहली महिला थीं.

आपातकाल के दौरान नंदिनी सत्पथी ने इंदिरा गांधी की नीतियों का विरोध किया. 1976 में उन्होंने Chief Minister पद छोड़ दिया और 1977 में कांग्रेस फॉर डेमोक्रेसी पार्टी से जुड़ीं. बाद में 1989 में राजीव गांधी के आग्रह पर वह कांग्रेस में लौटीं और 2000 तक ढेंकनाल से विधायक रहीं.

नंदिनी सत्पथी ने साहित्य में भी अपनी अमिट छाप छोड़ी. उड़िया मासिक पत्रिका ‘कलाना’ की संपादक और लेखिका के रूप में उन्होंने साहित्य को नई ऊंचाइयां दीं. उनकी कृतियों का कई भाषाओं में अनुवाद हुआ. तस्लीमा नसरीन के उपन्यास ‘लज्जा’ और अमृता प्रीतम की आत्मकथा ‘रसीदी टिकट’ का उड़िया अनुवाद उनका अंतिम प्रमुख कार्य था. 1998 में उन्हें साहित्य भारती सम्मान से नवाजा गया.

4 अगस्त 2006 को भुवनेश्वर में उनका निधन हुआ. लेकिन, उनकी विरासत आज भी प्रेरणा देती है.

एकेएस/एबीएम