मुंबई, 13 जून . लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा कि अगर लोकसभा चुनाव के दौरान महाविकास अघाड़ी में मेरिट के आधार पर सीटों का बंटवारा होता तो आज हम और बेहतर नतीजे लेकर आते, लेकिन अफसोस उस वक्त हमारी किसी ने नहीं सुनी.
नाना पटोले ने कहा, “मै दावे के साथ कहता हूं कि अगर आगामी विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी में मेरिट के आधार पर सीटों का बंटवारा होगा तो महाराष्ट्र की मौजूदा सरकार का पत्ता साफ है. मौजूदा मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना पड़ेगा. यह बात आप लिखकर ले लीजिए, इसलिए मैं अपने सभी सहयोगी दलों से मांग करूंगा कि वो मेरिट के आधार पर सीटों का बंटवारा करे, ताकि कहीं कोई विषम परिस्थिति ना पैदा हो. कोटे के आधार पर सीटों का बंटवारा ना हो, बल्कि इस बात पर विशेष जोर रहे कि किसे कहां पर उतारने से जीत मिलेगी.“
नाना पटोले ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा, “पीएम मोदी हर योजना अपने मित्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए बनाते हैं. इसी कड़ी में उन्होंने स्मार्ट सीटी योजना भी अपने मित्रों के हितों को देखते हुए ही बनाई थी. यह योजना जनता को अंधेरे में रखने वाली योजना है, जिसका हम विरोध करते हैं. जनता को अंधेरे में रखने वाली सरकार को जनता ही अंधेरे में रखेगी. सरकार को इसे बंद कर देना चाहिए. यह किसी भी स्थिति में जनता के हित में नहीं है. कांग्रेस पार्टी की यह मांग है.“
उन्होंने कहा, “एकनाथ शिंदे को इस बात का जवाब देना चाहिए कि वो किसानों की सुध कब लेंगे. अकाल में फंसे किसानों को कोई भी मदद देने के लिए आगे नहीं आ रहा है. सरकार के संरक्षण में महाराष्ट्र में लगातार टैंकर माफिया फलीभूत हो रहे हैं. लोगों को पीने का पानी नहीं मिल पा रहा है. लोग गंदे पानी पीने को मजबूर हैं, जिसकी वजह से उन्हें कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन सरकार को इन सभी से कोई लेना देना नहीं है. अस्पतालों में डॉक्टर नहीं हैं, दवाई नहीं है, बीमार लोगों का उपचार नहीं हो पा रहा है. ऐसी स्थिति में एकनाथ शिंदे जी को यही कहना चाहूंगा कि वो सत्ता की नहीं, बल्कि लोगों की चिंता करें. अगर वो ऐसा करेंगे तो उनकी राजनीतिक स्थिति बेहतर होगी.“
उन्होंने आगे कहा, “महाराष्ट्र सरकार किसानों के नाम पर योजनाएं बनाकर अपने नेताओं को फायदा पहुंचा रही है. यह लोग किसानों को मोहरा बनाकर लाखों करोड़ों रुपए डकार चुके हैं. मैं इस सरकार को हिदायत देना चाहूंगा कि वो ऐसा ना करे. लोगों के हित में काम करे, तो इस सरकार के लिए बेहतर रहेगा. सरकार को जनता की समस्याओं को सुनकर भागना नहीं चाहिए, बल्कि उसका समाधान करना चाहिए, ताकि स्थिति दुरूस्त हो सके.“
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