महाकुंभ 2025 : निर्मल गंगा के संकल्प को साकार कर रहा नमामि गंगे मिशन

महाकुंभ नगर, 27 दिसंबर . महाकुंभ 2025 को न केवल आध्यात्मिकता का महापर्व, बल्कि स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का आदर्श प्रतीक बनाने के लिए नमामि गंगे मिशन ने अनूठी और व्यापक योजनाओं को लागू किया है. गंगा की पवित्रता और सतत प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए, प्रयागराज में वर्तमान में 10 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) संचालित हो रहे हैं, जिनकी कुल क्षमता 340 एमएलडी है.

महाकुंभ की विशेष तैयारियों को सशक्त बनाने के लिए नमामि गंगे मिशन की ओर से तीन नई महत्वाकांक्षी परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है, जिनके अंतर्गत सलोरी में 43 एमएलडी, रसूलाबाद में 90 एमएलडी और नैनी में 50 एमएलडी क्षमता के अतिरिक्त एसटीपी का निर्माण किया जा रहा है.

इन परियोजनाओं का उद्देश्य महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त गंगा जल उपलब्ध कराना ही नहीं, बल्कि गंगा की अविरलता और निर्मलता को दीर्घकालिक रूप से सुनिश्चित करना भी है.

गंगा और यमुना नदियों की निर्मलता और स्वच्छता को पुनर्स्थापित करने के लिए प्रयागराज में अद्वितीय प्रयास किए जा रहे हैं. कभी 81 नालों से प्रदूषित होने वाली इन नदियों की कहानी अब बदल रही है.

नमामि गंगे मिशन और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से इन नालों को स्वच्छता की धारा में परिवर्तित करने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति हुई है. वर्तमान में 81 में से 37 नालों को पूरी तरह टैप कर उनका उपचार किया जा चुका है, इससे प्रदूषण का प्रवाह रुक गया है.

इसके अलावा, 5 नालों को सूखा या अप्रभावी पाया गया है, जिन्हें किसी प्रकार के उपचार की आवश्यकता नहीं है. यही नहीं, महाकुंभ की तैयारियों के तहत, राज्य सरकार ने अपने बजट में 17 नालों को टैप करने का दायित्व लिया है और इसके लिए आवश्यक संसाधन और प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराई जा रही है. शेष 22 नालों को टैप करने का कार्य नमामि गंगे मिशन (एनएमसीजी) के नेतृत्व में किया जा रहा है, जो स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के अभियान को नई ऊंचाइयों तक ले जा रहा है.

महाकुंभ को स्वच्छ, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए नमामि गंगे मिशन द्वारा शुरू की गई दूरदर्शी योजनाओं का उद्देश्य गंगा और यमुना नदियों की निर्मलता और स्वच्छता को बनाए रखना है, ताकि नदियों की पवित्रता के साथ-साथ पर्यावरणीय संतुलन को भी संरक्षित किया जा सके.

गंगा और यमुना को निर्मल और अविरल बनाए रखने के लिए अत्याधुनिक तकनीक, योजनाबद्ध अवसंरचना और समाज की सक्रिय भागीदारी के माध्यम से सुनिश्चित किया जा रहा है कि गंगा और यमुना की पवित्रता आने वाली पीढ़ियों तक अक्षुण्ण बनी रहे. मिशन की यह पहल केवल महाकुंभ को सफल बनाने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि इसका लक्ष्य प्रयागराज की सीवरेज अवसंरचना को दीर्घकालिक रूप से मजबूत करना भी है.

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