पूर्वी एशिया समिट के उच्च शिक्षा संस्थानों के प्रमुखों के सम्मेलन के लिए नालंदा विश्वविद्यालय तैयार

राजगीर, 16 सितंबर . बिहार के राजगीर स्थित नालंदा विश्वविद्यालय 17 से 19 सितंबर तक पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस) का आयोजन करने जा रहा है. इसमें अलग-अलग देशों के बड़े शिक्षा संस्थानों के प्रमुख एक साथ आएंगे और ऊर्जा बचत की योजनाओं पर आपस में विचार साझा करेंगे. Prime Minister Narendra Modi ने 2024 में लाओस में हुए 19वें ईस्ट एशिया सम्मिट में ऐसे कार्यक्रम कराने का सुझाव दिया था.

आसियान इंडिया विश्वविद्यालय नेटवर्क (एआईएनयू) के तहत विदेश मंत्रालय, आसियान इंडिया सेंटर एट आरआईएस, आसियान सेंटर फॉर एनर्जी, आरआईएस, सीएसडीएस, और टेरी के सहयोग से आयोजित, यह सम्मेलन India सहित ईस्ट एशिया सम्मिट देशों के प्रमुख शिक्षण संस्थानों के नीति निर्माताओं, शिक्षाविदों और विशेषज्ञों को एक साझा मंच पर लाएगा. इसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर शिक्षा जगत में आपसी सहयोग और सतत शिक्षा और पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी नई पहल को साझा करना है.

India Government के द्वारा पर्यावरण के संरक्षण और सतत जीवनशैली की पहल को बढ़ावा देने के लिए इस सम्मेलन के दौरान, विश्वविद्यालय एक विशेष कार्यशाला का आयोजन भी करेगा. यह आयोजन सभी प्रतिभागियों को साझा इतिहास, विज्ञान, विचारों और वैश्विक चुनौतियों पर संवाद का अवसर देगा.

कार्यक्रम के तहत शिक्षा में आत्मनिर्भरता, सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी), शोध में सहयोग, छात्र-शिक्षक संवाद और ऊर्जा बचत की पहल पर विशेष चर्चा होगी. मिशन लाइफ से जुड़ी कार्यशाला जीवनशैली में बदलाव लाने और पर्यावरण संरक्षण हेतु जागरूकता बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण होगी. तीन दिनों तक चलने वाले इस सम्मेलन में शिक्षा के माध्यम से India और ईएएस देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने, साझा शोध के अवसर तलाशने तथा छात्र-शिक्षकों के अनुभवों का आदान-प्रदान करने पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा. साथ ही, यह सम्मेलन जलवायु परिवर्तन से निपटने और सतत जीवनशैली अपनाने की दिशा में भी एक सकारात्मक पहल होगी.

नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सचिन चतुर्वेदी ने इस सम्मेलन के आयोजन को लेकर कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय का यह प्रयास उच्च शिक्षा में आपसी सहयोग को बढ़ावा देने के साथ-साथ, India के मिशन लाइफ से पूरी तरह मेल खाता है. हम पर्यावरण संरक्षण के लिए सतत जीवनशैली अपनाने की प्रेरणा देंगे और वैश्विक सहयोग का नया आयाम खोलेंगे.

एआईएनयू का मुख्य केंद्र होने के कारण नालंदा इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का नेतृत्व कर रहा है.

एमएनपी/पीएसके